4,200+ मामले, 25.5 करोड़ रुपये रिफंड: प्राइवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ फीस से जुड़ी शिकायतें बढ़ीं, UP और दिल्ली सबसे आगे
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4,200+ मामले, 25.5 करोड़ रुपये रिफंड: प्राइवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ फीस से जुड़ी शिकायतें बढ़ीं, UP और दिल्ली सबसे आगे

UGC: एजुकेशन सेक्टर में फीस से जुड़ी समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. यूजीसी ने पिछले पांच सालों में 4,257 शिकायतें दर्ज की हैं, जिस कारण उसे छात्रों को 25.5 करोड़ रुपये रिफंड करने पड़े हैं. इस मामले में यूपी और दिल्ली सबसे आगे रहे हैं.

4,200+ मामले, 25.5 करोड़ रुपये रिफंड: प्राइवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ फीस से जुड़ी शिकायतें बढ़ीं, UP और दिल्ली सबसे आगे

नई दिल्ली: भारत में प्राइवेट यूनिवर्सिटी से जुड़े फीस विवाद लगातार बढ़ रहे हैं. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की फीस निवारण सेल (Fee Nivaran Cell) में पिछले पांच शैक्षणिक वर्षों में 4,257 शिकायतें दर्ज की गईं. इन शिकायतों के निपटारे के बाद 25.5 करोड़ रुपये से अधिक की फीस वापस की गई है.

शिक्षा के क्षेत्र में फीस से जुड़ी अनियमितताओं में तेजी देखी जा रही है. अकेले 2023-24 के शैक्षणिक वर्ष में 50% से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं, जिससे यह समस्या और गंभीर हो गई है.

किन राज्यों में सबसे अधिक शिकायतें दर्ज हुईं? 
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं. इसके बाद दिल्ली और राजस्थान का स्थान रहा.

- उत्तर प्रदेश: 827 शिकायतें, लगभग 4.96 करोड़ रुपये की फीस वापसी  
- दिल्ली: 591 शिकायतें, 2.21 करोड़ रुपये की फीस वापसी  
- राजस्थान: 418 शिकायतें, 1.65 करोड़ रुपये की फीस वापसी  
- तमिलनाडु: 381 शिकायतें, 1.99 करोड़ रुपये की वापसी  
- पश्चिम बंगाल: 377 शिकायतें, 0.92 करोड़ रुपये की फीस वापसी  

फीस निवारण सेल के जरिए कितनी शिकायतों का समाधान हुआ?
UGC की फीस निवारण सेल ने फीस से जुड़ी हजारों शिकायतों को हल किया है. यह सेल e-Samadhaan प्लेटफॉर्म के तहत काम करती है. UGC के मुताबिक, यह सेल छात्रों को शिकायत दर्ज करने और उनका समाधान पाने में मदद करती है. 

- प्राइवेट यूनिवर्सिटी: 1,475 शिकायतें हल की गईं, 10.12 करोड़ रुपये की फीस वापसी  
- स्टेट यूनिवर्सिटी: 1,211 शिकायतें हल की गईं, 4.32 करोड़ रुपये की वापसी  
- डीम्ड यूनिवर्सिटी: 770 शिकायतें हल की गईं, 9.68 करोड़ रुपये की वापसी  
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी: 799 शिकायतें हल की गईं, 1.34 करोड़ रुपये की फीस वापसी  
- राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (Institutes of National Importance): 2 शिकायतें हल हुईं, 4.41 लाख रुपये की वापसी  

फीस निवारण सेल की शुरुआत कब हुई?
UGC ने फीस निवारण सेल की शुरुआत 2020 में कोविड महामारी के दौरान की थी. इसका उद्देश्य छात्रों को आर्थिक बोझ से राहत देना और एजुकेशन सिस्टम में विश्वास बढ़ाना था.

UGC चेयरमैन का क्या कहना है?
UGC के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने कहा कि इस सेल की सफलता दर 97%** है. उन्होंने बताया कि अब तक 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से शिकायतें हल की गई हैं. 

उन्होंने आगे कहा, "अब तक 1,386 महिला छात्रों को करीब 8.71 करोड़ रुपये की फीस वापस की गई है. हमारी कोशिश है कि सभी प्रकार की यूनिवर्सिटीज में फीस से जुड़ी अनियमितताओं को रोककर पारदर्शिता लाई जाए."

शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड शिकायतें
UGC के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 के शैक्षणिक वर्ष में सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं.

- 2023-24: 2,251 शिकायतें  
- 2022-23: 927 शिकायतें
- 2021-22: 915 शिकायतें

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि छात्रों के बीच फीस निवारण सेल की जागरूकता बढ़ी है और छात्र अपनी शिकायतों के समाधान के लिए अब खुलकर आगे आ रहे हैं.

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