NEET Success Story: NEET परीक्षा पास करना एक चुनौती है जिसके लिए कई सालों तक समर्पण की जरूरत होती है और कई लोगों को सफल होने के लिए कई प्रयास करने पड़ते हैं. जबकि कई कैंडिडेट्स कुछ प्रयासों के बाद आगे बढ़ जाते हैं, पूर्व बैंकर जय किशोर प्रधान ने 2020 में 64 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधान की कहानी दृढ़ता और दृढ़ संकल्प का एक सशक्त उदाहरण है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से डिप्टी मैनेजर के रूप में रिटायर हो गए थे, उन्होंने हमेशा डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन जिंदगी उन्हें एक अलग दिशा में ले गई. इसके बावजूद, उनकी आकांक्षा कभी कम नहीं हुई.


2016 में अपने रिटायरमेंट के बाद, दशकों की सेवा के बाद, प्रधान को अपने लंबे समय से संजोए सपने को रिवाइव करने का एक नया अवसर दिखाई दिया. दृढ़ निश्चय के साथ, उन्होंने मेडिकल स्कूल में एडमिशन लेने का फैसला किया.


पढ़ाई और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना आसान काम नहीं था, लेकिन प्रधान दृढ़ निश्चयी थे. उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग क्लास में दाखिला लिया और सावधानीपूर्वक अपनी पढ़ाई का शेड्यूल बनाया, और इस बड़ी चुनौती का डटकर सामना किया.


Shivdeep Lande: बिहार के 'सिंघम' ने दे दिया था इस्‍तीफा, सरकार ने नई हाई-प्रोफाइल पोस्टिंग देकर चौंकाया


अपने दृढ़ संकल्प और प्रयास से, प्रधान ने 2020 में NEET पास कर लिया और प्रतिष्ठित वीर सुरेन्द्र साईं इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (VIMSAR) में सीट हासिल कर ली, जिससे यह साबित हो गया कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है.


वो महिला जिसने IAS टीना, रिया डाबी और इशिता किशोर को पढ़ाया, लेकिन खुद कभी नहीं दिया UPSC