Chirag Falor IIT: भारत में इंजीनियरिंग की दुनिया में आईआईटी का नाम सबसे ऊपर आता है. लाखों छात्र हर साल आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए जी जान से मेहनत करते हैं. ऐसे में जब कोई जेईई एडवांस्ड टॉपर आईआईटी में एडमिशन लेने के बजाय किसी अन्य संस्थान को चुनता है तो यह खबर सुर्खियों में बनी रहती है. एक ऐसे ही मामले ने सभी को हैरान कर दिया जब जेईई एडवांस्ड के टॉपर ने आईआईटी में एडमिशन लेने के बजाय पढ़ाई के लिए एक दूसरे संस्थान में दाखिला ले लिया.


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हम जिस आईआईटी-जेईई टॉपर की बात कर रहे हैं उसका नाम चिराग फालोर है. उन्होंने 396 में से 352 नंबर हासिल किए और आईआईटी जेईई एडवांस्ड परीक्षा 2020 में टॉप किया. एआईआर 1 के साथ आईआईटी-जेईई टॉपर ने आईआईटी में एडमिशन छोड़ने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पहले से ही अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में एडमिशन मिल गया था.


आईआईटी-जेईई में एआईआर 1 पाने के अलावा, चिराग फालोर ने खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी (आईओएए) पर 13वें इंटरनेशनल ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीता और 2019 में अमेरिकी गणित प्रतियोगिता में भी टॉप पॉजिशन हासिल की थी.


चिराग ने कहा, "एमआईटी की परीक्षा की तुलना में जेईई परीक्षा अधिक चैलेंजिंग थी. इसने मुझे आत्मविश्वास का एक नया लेवल दिया है. मैं रात में एमआईटी क्लासेज में ऑनलाइन पढ़ाई करता था और फिर दिन में आईआईटी एग्जाम की तैयारी करता था."


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पुणे में जन्मे और पले-बढ़े, चिराग फालोर दिल्ली चले गए और अपना फोकस करने के लिए प्रगति पब्लिक स्कूल में एडमिशन ले लिया क्योंकि अपने परिवार के साथ रहने के दौरान उनका ध्यान भटक जाता था. आईआईटी-जेईई में एआईआर 1 हासिल करने से पहले, चिराग फालोर को मार्च 2020 में एमआईटी में एडमिशन मिला, लेकिन कोविड ​​​​-19 लॉकडाउन के कारण अमेरिका की यात्रा करने में असमर्थ थे, जिससे उन्हें भारत से ऑनलाइन अपनी पढ़ाई करने के लिए मोटिवेट किया गया.


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