Education System of Brunei: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के निमंत्रण पर 3-4 सितंबर को ब्रुनेई की यात्रा पर हैं. यह यात्रा भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है. ब्रुनेई दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां भारतीय अलग-अलग क्षेत्रों में इतिहास रच रहे हैं. ब्रुनेई दारुस्सलाम में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय रह रहे हैं. भारतीयों के यहां आकर रहने और काम करने की शुरुआत 1930 के दशक से हुई थी. यहां ज्यादातर भारतीय मेडिकल, टीचिंग और एनर्जी सेक्टर से जुड़े हैं. भारतीय उच्चायोग की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक यहां 14,500 भारतीय काम करते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या टीचर्स और डॉक्टर्स की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ब्रुनेई में पूरी तरह मुफ्त है शिक्षा 
इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश में स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल, खाना, किताबें और ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी समेत सब कुछ फ्री है. यहां हायर एजुकेशन के लिए आना एक अनूठा अनुभव हो सकता है. ब्रुनेई एक छोटा, लेकिन समृद्ध देश है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और बेहतर जीवन स्तर के लिए जाना जाता है. ब्रुनेई की शिक्षा प्रणाली बहुत बेहतर मानी जाती है, जिसमें यहां के प्रतिष्ठित सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालय कई कार्यक्रम ऑफर करते हैं. 


शांतिपूर्ण और स्थिर माहौल
ब्रुनेई स्टूडेंट्स को पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करता है. कई अन्य देशों की अपेक्षा यहां रहने की लागत बहुत कम है, जो इसे विदेशी छात्रों के लिए एक किफायती विकल्प बनाती है. यहां दुनियाभर से युवा पढ़ने आते हैं, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान और अलग-अलग बैकग्राउंड और विजन के बारे में जानने का अवसर मिलता है. 


ग्लोबल मार्केट के लिए तैयार होते है स्टूडेंटस
ब्रुनेई के विश्वविद्यालयों में स्टूडेंट्स को ग्लोबल मार्केट में सफलता के लिए तैयार करने के मकसद से सिलेबस डिज़ाइन किया जाता है, जिसमें प्रैक्टिकल और हाथों से सीखने पर जोर दिया जाता है. इतना ही नहीं यहां कई कार्यक्रम इंटर्नशिप, रिसर्च प्रोजक्ट ओवरऑल शैक्षिक अनुभव को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं. कुल मिलाकर ब्रुनेई में पढ़ना ऐसे स्टूडेंट्स के लिए एक बेहतर अनुभव हो सकता है जो शांतिपूर्ण, समृद्ध माहौल में अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा चाहते हैं.


प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार
हाई कमीशन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एजुकेशन, मेडिकल, इंजीनियरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजनेस और खुदरा क्षेत्र में भारतीयों ने अपना नाम कमाया है. यहां करीब 50 फीसदी भारतीय तेल, गैस, निर्माण और खुदरा क्षेत्र में काम कर रहे हैं. मोहिंदर सिंह पहले ऐसे भारतीय थे, जिन्हें 2010 में यहां प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा गया, वह बाद में ब्रुनेई के नागरिक बन गए. इसके बाद भारतीय व्यवसायी नजीर अहमद जकारिया को सामुदायिक सेवा और व्यापार क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 2016 में यह पुरस्कार दिया गया. 


भारतीय त्योहारों पर होती है धूम
ब्रुनेई दारुस्सलाम में 5 प्रमुख भारतीय संघ बनाए गए हैं, जो यहां मिलकर हर भारतीय त्योहार मनाते हैं. यहां पर दिवाली, पोंगल, ओणम के साथ ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भी जश्न का माहौल रहता है.