बेहतर भारत निर्माण के लिए प्रॉपर्टी दान देने की जताई इच्छा, ताकि तैयार हो नई पीढ़ियां; यूनिवर्सिटी को सौंपा पूर्व वैज्ञानिक का घर
Meerut University House Donation: नासा के एक पूर्व वैज्ञानिक की अंतिम इच्छा थी कि उनके घर को स्टूडेंट्स के लिए दान कर दिया जाए. उनकी इच्छा का सम घर को परिजनों ने मेरठ यूनिवर्सिटी को घर सौंप दिया, जो 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में बना है.
Nasa Ex Scientist Ramesh Chand Tyagi House: आपने पहले भी कई खबरें पढ़ी होंगी कि लोगों ने अपनी प्रॉप्रटी को किसी नेक काम के लिए दान कर दिया. ऐसे मामलों में ज्यादातर लोग स्कूल-कॉलेज, ऑरफन एज या ओल्ड एज होम के लिए संपत्ति दान देने का फैसला करते हैं. ऐसा ही एक मामला मेरठ से सामने आया है, जब नासा के एक पूर्व वैज्ञानिक की लास्ट विश पूरी करते हुए उनके परिजनों ने एक्स साइंटिस्ट की प्रॉप्रर्टी मेरठ यूनिवर्सिटी के हाथों सौंप दी. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...
शैक्षिक उद्देश्यों के लिए दान किया घर
जानकारी के मुताबिक नासा में काम कर चुके डॉ. रमेश चंद त्यागी का 4 साल पहले 87 साल की उम्र में बीमारी के चलते निधन हो गया था. अब साइंटिस्ट के परिवार वालों ने उनके पैतृक घर को मेरठ यूनिवर्सिटी को दान किया है. अपनी मौत से पहले रीसर्चर और फिजिसिस्ट ने शिखा त्यागी से यह इच्छा जाहिर की थी, शिखा उनकी भतीजी है, जो मेरठ में ही रहती है. डॉ. रमेश चंद ने शिखा से संपत्ति दान करने की बात कही थी. उनकी की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनके घर को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के हवाले कर दिया गया है.
बेहतर भारत के लिए तैयार हो सके नई पीढ़ी
डॉ. रमेश चंद त्यागी का घर करीब 100 साल पुराना बताया जाता है, जो बुढ़ाना गेट इलाके में 400 वर्ग मीटर में फैला है. उनके परिजनों के मुताबिक डॉ. रमेश चंद के पास अपनी संपत्ति को अपने दोनों बेटों के नाम करने या फिर इसे अच्छे दामों में बेचने का ऑप्शन था, लेकिन उन्होंने सामाजिक उद्देश्य के लिए इस प्रॉपर्टी को दान करने का फैसला लिया. डॉ त्यागी की अंतिम इच्छा थी कि उनकी एकमात्र संपत्ति को सामाजिक कारणों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. उनका मानना था कि शैक्षिक उद्देश्यों के लिए घर का उपयोग हो, ताकि नई पीढ़ियों को बेहतर भारत निर्माण में योगदान देने के लिए तैयार किया जा सके. उनके परिजनों ने डॉ. त्यागी की आखिरी इच्छा का सम्मान करते हुए कानूनी कार्यवाही पूरी की और मेरठ यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता शुक्ला को घर के डॉक्यूमेंट्स सौंप दिए.
डीआरडीओ में भी किया था काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉ. रमेश चंद त्यागी ने आईआईटी दिल्ली, डिफेंस एकेडमी पुणे और डीआरडीओ में भी काम किया. 1970 के दशक में वह नासा के साथ भी काम कर चुके हैं. तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी का फोकस रिवर्स ब्रेन ड्रेन पर था, जिसके चलते डॉ. त्यागी को मिसाइल मिशन से जुड़ने के लिए भारत बुला लिया गया था. देश लौटकर बतौर सीनियर साइंटिस्ट उन्होंने डीआरडीओ जॉइन किया, लेकिन फंड के मुद्दों के चलते यह मिशन विफल रहा. इसके बाद उन्हें डिफेंस एकेडमी पुणे भेज दिया गया.