National Curriculum Framework School Education: केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों तक का पूरा फोकस स्कूल के बच्चों की पढ़ाई पर है. देश के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने पर है. सरकारें इसके लिए अच्छा खासा बजट भी दे रही हैं. इसी कड़ी में नई एजुकेशन पॉलिसी को भी लागू किया जा रहा है. यह स्टेप बाई स्टेप लागू हो रही है. 


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नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क स्कूल एजुकेशन 2023 के तहत स्कूलों एक साल में 220 दिन खोलना जरूरी होगा. टाइम की बात की जाए तो प्राइमरी स्कूलों में रोजना 7.15 घंटे की पढ़ाई जरूरी होगी  तो हाई स्कूलों में कम से कम 8.35 घंटे पढ़ाई कराना जरूरी होगी.


इसको सही तरीके से लागू करने के लिए जिले के डायट, पीटीइसी, CTE समेत सभी ट्रेनिंग संस्थानों में टीचर्स को नए फ्रेमवर्क की जानकारी दी जाएगी. वहीं टीचर्स के माध्यम से यह जानकारी पेरंट्स तक को दी जाएगी. नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के मुताबिक 20 दिन स्कूल बेस्ड इवेल्यूएशन के लिए होंगे. प्राइमरी से लेकर प्लस टू लेवल के स्कूलों में दो क्लास के बीच स्टूडेंट्स को तैयार होने के लिए कम से कम 5 मिनट का समय मिलेगा.


शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी डीएम और डीडीसी को लेटर भेजकर नए फ्रेमवर्क के मुताबिक स्कूल के लिए जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा है. इसके साथ ही एजुकेशनल सिस्टम बेहतर करने के लिए अन्य दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं. इसमें किसी भी स्कूल के 10 फीसदी से ज्यादा टीचर्स की छुट्टी अब अप्रूव नहीं होगी.


बोर्ड एग्जाम के लिए गाइडलाइन 
बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए विभाग की ओर से इसका निर्देश जारी किया गया है. वहीं बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम के बाद कॉपी स्कूल में ही चेक होंगी. इसके लिए जरूरी है कि प्रैक्टिकल एग्जाम के बाद इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी. एग्जाम के समापन के बाद ही सभी सेकंडरी और प्लस टू स्कूलों के एचएम की बैठक बुलाकर डीइओ इसका निर्देश देंगे ताकि प्रैक्टिकल की कॉपी टाइम से चेक हो जाएं.