Foreign Medical Colleges Universities: नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने विदेशी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के इच्छुक मेडिकल उम्मीदवारों को सचेत करते हुए एक नोटिफिकेशन जारी किया है. स्टूडेंट्स को विदेशी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने से बचने की चेतावनी देते हुए कहा गया है कि वे एनएमसी नियमों के मुताबिक करिकुलम, समय-सीमा और ट्रेनिंग का पालन नहीं करते हैं. आयोग ने कहा कि अवधि, इंस्ट्रक्शन्स का मीडियम, सिलेबस, क्लिनिकल ट्रेनिंग या इंटर्नशिप/ क्लर्कशिप में कोई भी बदलाव भारत में रजिस्ट्रेशन के लिए अयोग्यता का कारण बन सकता है. अयोग्यता के मामले में, पूरी जिम्मेदारी उम्मीदवार की होगी.


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एनएमसी की ओर से जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन में कहा गया है, "आयोग के संज्ञान में आया है कि एनएमसी द्वारा जारी एडवाइजरी और चेतावनी के बावजूद, कई भारतीय छात्र विदेशों में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन चाहते हैं, जो नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन नहीं करते हैं और विदेशों में स्थित संस्थान या विश्वविद्यालय छात्रों को दिए जाने वाले करिकुलम, समय-सीमा और ट्रेनिंग का पालन कर रहे हैं, जो भारत में एनएमसी के नियमों के अनुरूप नहीं हैं. आयोग के संज्ञान में यह भी आया है कि कई छात्र अभी भी ऐसे संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले रहे हैं."


नेशनल मेडिकल कमीशन ने 18.11.2021 की अधिसूचना के माध्यम से भारत के आधिकारिक राजपत्र में विदेशी मेडिकल ग्रेजुएशन लाइसेंसधारी (FMGL) विनियम, 2021 प्रकाशित किए हैं, जिसमें पढ़ाई की अवधि, निर्देश का माध्यम, करिकुलम, क्लिनिकल ट्रेनिंग या इंटर्नशिप/ क्लर्कशिप आदि की शर्तें निर्धारित की गई हैं. भारत में एलोपैथी की प्रक्टिस करने के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए ये शर्तें जरूरी हैं.


उपरोक्त के मद्देनजर, सभी छात्र जो किसी भी विदेशी मेडिकल संस्थान या यूनिवर्सिटीज से मेडिकल क्वालिफिकेशन प्राप्त करने के इच्छुक हैं और उसके बाद भारत में एलोपैथी की प्रक्टिस करना चाहते हैं, उन्हें पुनः यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि एफएमजीएल में निर्धारित सभी शर्तें पूरी हों.


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