RBSE 12th Topper: Biology में पूरे 100 अंक लाकर हिमांशु बने टॉपर, अब डॉक्टरी का देख रहे सपना
हिमांशु का कहना है कि परीक्षा में अच्छा स्कोर करने के लिए 12 से 14 घंटे पढ़ाई करने की जरूरत नहीं है. आप जिस भी समय पढ़ाई करें आपको पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करनी है. मैं रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करता था, जिससे मुझे इस मुकाम को छूने में मदद मिली.
RBSE 12th Topper 2024: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने हाल ही में कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा को परिणाम जारी किए हैं. बोर्ड ने 20 मई को नतीजे घोषित किए थे, जिसमें छात्रों ने शानदार अंकों के साथ परीक्षा पास की है. इन्हीं छात्रों में से एक है हिमांशु मुद्गल, जिन्होंने बायोलॉजी में बेहतरीन मार्क्स हासिल किए है और अब डॉक्टर बनना चाहता है.
दरअसल, भरतपुर जिले के रहने वाले हिमांशु मुद्गल ने इस साल राजस्थान बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी. जब परीक्षा का रिजल्ट आया, तो पता चला कि उन्होंने बायोलॉजी विषय में 100 में से पूरे 100 अंक हासिल किए हैं. इस सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके शिक्षकों और माता-पिता ने आज इस मुकाम को छूने में उनकी मदद की है.
हिमांशु मुद्गल ने अपनी स्कूली शिक्षा राजस्थान के डीग जिले के विकास सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की है. वह साइंस स्ट्रीम के छात्र हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले 10वीं कक्षा में उन्हें 91.33 प्रतिशत अंक मिले थे, जबकि 12वीं कक्षा में वह 92.80 प्रतिशत अंक हासिल करने में सफल रहे हैं. अपने 12वीं कक्षा के अंकों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने बताया कि उन्होंने हिंदी में 95, फिजिक्स में 96, केमिस्ट्री में 92, इंग्लिश में 81 और बायोलॉजी में 100 अंक प्राप्त किए हैं. हिमांशु को सामाजिक सेवा में ए ग्रेड और तीन विषयों में डिस्टिंक्शन प्राप्त हुई है.
जब उनसे उनके परिवार के बारे में पूछा गया, तो हिमांशु ने बताया कि उनकी मां सोनिया शर्मा एक साइंस टीचर हैं, जबकि उनके पिता पवन मुद्गल एक बिसनसमैन हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनके दादाजी उनकी प्रेरणा हैं और हर परिस्ठिति में उन्होंने हमेशा उनका समर्थन किया है.
एक इंटरव्यू में जब उनसे उनकी योजनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मेरा लक्ष्य NEET UG परीक्षा पास करना और मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना है. मेरा सपना डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना है।' मैंने परीक्षा की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है."
अपना रूटीन साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वह हर दिन 2 घंटे फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषयों को समर्पित करते हैं, जबकि वह सप्ताह में तीन बार एक घंटे हिंदी और इंग्लिश को देते हैं. हिमांशु ने आगे कहा, 'मेरा मानना है कि परीक्षा में अच्छा स्कोर करने के लिए 12-14 घंटे पढ़ाई करने की जरूरत नहीं है. आप जिस भी समय पढ़ाई करें आपको पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करनी है. मैं रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करता था जिससे मुझे इस मुकाम को छूने में मदद मिली."
हिमांशु ने यह भी बताया कि वह अपने खाली समय में क्रिकेट खेलते थे, जिससे उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली.