Difference Between Scholarship And Fellowship: स्टूडेंट्स को एजुकेशन सेक्टर से जुड़ी बेसिक और अहम बातों का पता होना चाहिए. जैसे स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर सरकार और कई सारे संस्थान स्टूडेंट्स की आर्थिक रूप से मदद करते हैं. इनमें ब्रिलियंट स्टूडेंट्स को मेरिट के आधार पर अलग-अलग स्कॉलरशिप मिलती हैं. ऐसे में इस बढ़ती महंगाई में आप अपने दम पर अपनी पढ़ाई का खर्च उठाना चाहते हैं तो इसके कई तरीके हैं, जिसमें स्कॉलरशिप और फेलोशिप शामिल हैं. कई लोग स्कॉलरशिप और फेलोशिप के बीच कंफ्यूज्ड रहते हैं. स्कॉलरशिप के बारे में तो सभी लोग जानते हैं, लेकिन अक्सर फेलोशिप को भी स्कॉलरशिप में ही काउंट करते है. हालांकि, इन दोनों में बेसिक अंतर है, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए...


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दोनों का मकसद
स्कॉलरशिप और फेलोशिप इन दोनों ही स्कीमों का मकसद हार एजुकेशन पाने में उन युवाओं की मदद करना होता है, जिनके आर्थिक हालात बहुत अच्छे नहीं होते. वहीं, इनका फायदा उन स्टूडेंट्स को भी मिलता है, जो कड़ी मेहनत करके इन्हें हासिल करते हैं. स्कॉलरशिप और फेलोशिप दोनों ही अलग-अलग फील्ड में युवाओं को फाइनेंशियली सपोर्ट करती हैं. 


स्कॉलरशिप 
सबसे पहले जान लेते हैं कि स्कॉलरशिप क्या है? स्कॉलरशिप स्टूडेंट्स को उनके एकेडमिक अचीवमेंट्स के बेसिस पर मिलती है. इसमें दी जाने वाली फाइनेंशियल हेल्प से कम खर्च या कई बार फ्री एजुकेशन हासिल करने में मदद मिलती है. स्कॉलरशिप क पैसा पढ़ाई के ही इस्तेमाल किया जा सकता है. कई होनहार स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप के जरिए ही विदेशों में रहकर पढ़ाई का सपना पूरा करते हैं, जिसके लिए उन्हें एक क्वालिफिकेशन स्टैंडर्ड मानक पूरा करना जरूरी है. 


फेलोशिप
वहीं, फेलोशिप की बात करें तो यह प्रोफेशनल्स को दी जाती है. ज्यादातर तो फेलोशिप किसी रिसर्च वर्क के लिए मिलती है. फेलोशिप के तहत मिलने वाली राशि रिसर्च वर्क बिना किसी रुकावट के पूरा करने में मदद मिलती है. 


फेलोशिप रिसर्चर, स्कॉलर या प्रोफेशनल्स को उनकी फील्ड में बेहतरीन प्रदर्शन के बदले में दी जाती है. यह फाइनेंशियल हेल्प रिसर्च, पढ़ाई प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए मिलती है. फेलोशिप के लिए आपको उसके लिए तय किए गए योग्यता मानक पूरे करना होता है, जिसमें रिसर्च एक्सपीरियंस या प्रोफेशनल एलिजिबिलिटी आदि शामिल हैं.



ऐसे समझें स्कॉलरशिप और फेलोशिप में फर्क


  • स्कॉलरशिप एजुकेशन पूरी करने के लिए फाइनेंशियल हेल्प, जबकि फेलोशिप रिसर्च, स्टडी या प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए दी जाती है. 

  • स्कॉलरशिप शैक्षिक उपलब्धियां देखा जाती हैं. जबकि, फेलोशिप शोध अनुभव या प्रोफेशनल योग्यता पर आधारित होती हैं. 

  • स्कॉलरशिप में मिलने वाली राशि का इस्तेमाल शिक्षा संबंधी खर्च के लिए ही किया जा सकता है. जबकि, फेलोशिप में मिलने वाले फंड का इस्तेमाल शोध, यात्रा, प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए कर सकते हैं. 

  • स्कॉलरशिप स्टूडेंट को 1 से लेकर 4 साल तक के लिए दी जाती हैं, जबकि फेलोशिप का फायदा 1 से लेकर 2 साल तक रिसर्चर, स्कॉलर और प्रोफेशनल्स को मिलता हैं.

  • स्कॉलरशिप के लिए एकेडमिक मेरिट, परीक्षा के जरिए कैंडिडेट्स का सिलेक्शन किया जाता है. फेलोशिप के लिए रिसर्च प्रपोजल, एकेडमिक मेरिट और इंटरव्यू के जरिए उम्मीदवार चुने जाते हैं.  

  • स्कॉलरशिप विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध होती है, जबकि फेलोशिप विशिष्ट क्षेत्रों जैसे साइंस, टेक्नोलॉजी, सोशल साइंस में दी जाती हैं.