IPS Success Story: कहानी उस पुलिस कांस्टेबल की जो बन गया आईपीएस अफसर
UPSC Success Story: पापा चाहते थे कि मैं पढ़ाई के बाद टीचर बनूं. संस्कृत से ग्रेजुएशन किया, क्योंकि इसमें अध्यापक बनना आसान होता था.
Vijay Singh Gurjar Constable IPS Officer: कहते हैं मेहनत और सब्र का फल मीठा होता है. यह कहावत आईपीएस अफसर विजय सिंह गुर्जर पर एकदम सटीक बैठती है. वह अपनी मेहनत के दम पर दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल से आईपीएस अफसर बन गए. विजय सिंह गुर्जर का जन्म राजस्थान के झुंझुनू में हुआ था और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई भी राजस्थान से ही पूरी की. साल 2002 में 10वीं और साल 2004 में 12वीं पास कर ली. इसके बाद उन्होंने साल 2009 में संस्कृत से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की.
विजय सिंह गुर्जर ने एक इंटरव्यू में बताया था, 'पापा चाहते थे कि मैं पढ़ाई के बाद टीचर बनूं. संस्कृत से ग्रेजुएशन किया, क्योंकि इसमें अध्यापक बनना आसान होता था. इसके साथ ही मैं सरकारी नौकरी की भी तैयारी करने लगा, लेकिन राजस्थान में शिक्षक की भर्ती, सेना की भर्ती, राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती में असफल रहा.
उनके एक दोस्त ने सलाह दी कि दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए दिल्ली जाकर तैयारी करो. इसके बाद 2010 में उनका सिलेक्शन हो गया. वह यहीं नहीं रुके लगातार तैयारी करते रहे. कॉन्स्टेबल पद पर भर्ती के बाद मेहनत जारी रखी और साल 2010 में दिल्ली में सब-इंस्पेक्टर के पद पर उनका सिलेक्शन हो गया.
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इसके बाद साल 2012 में उन्होंने एसएससी ग्रेजुएट लेवल परीक्षा में सफलता हासिल की और उनका सेलेक्शन केरल में सेंट्रल एक्साइज और कस्टम में हो गया. इसके बाद साल 2014 में एसएससी परीक्षा पास करने के बाद उन्हें इनकम टैक्स इंस्पेक्टर का पद मिल गया.
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इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बनने के बाद यूपीएससी की तैयारी करने के बारे में सोचा और मेहनत करने लगे. इसके लिए वह नौकरी के साथ रोजाना करीब 6 घंटे पढ़ाई करते थे. UPSC की सिविल सेवा परीक्षा 2017 में विजय को सफलता मिली और उन्होंने 574 वीं रैंक हासिल की. इस तरह विजय की दिल्ली पुलिस कांस्टेबल से शुरू हुई जर्नी एक आईपीएस अफसर बनने तक चलती है.
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