Priyal Yadav DC: प्रियल के पिता एक किसान हैं, और उनकी मां एक हाउस वाइफ हैं. वह एक ग्रामीण इलाके से आती हैं जहां लड़कियों की शादी कम उम्र में ही हो जाती है, लेकिन उनके माता-पिता ने उन पर शादी के लिए दबाव नहीं डाला और उन्हें अपना करियर बनाने की पूरी आजादी दी.
कुछ लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए अथक प्रयास करते हैं कि वे सभी प्रतिकूलताओं के बावजूद भी अविचल बने रहें. ऐसी ही एक प्रेरक कहानी एक किसान की बेटी प्रियल यादव की है, जो कभी 11वीं क्लास में फेल हो गई थीं, अब मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की परीक्षा में छठी रैंक हासिल करके डिप्टी कलेक्टर बन गई हैं.
प्रियल के पिता एक किसान हैं, और उनकी मां एक हाउस वाइफ हैं. वह एक ग्रामीण इलाके से आती हैं जहां लड़कियों की शादी कम उम्र में ही हो जाती है, लेकिन उनके माता-पिता ने उन पर शादी के लिए दबाव नहीं डाला और उन्हें अपना करियर बनाने की पूरी आजादी दी.
एक अधिकारी के मुताबिक, प्रियल एमपीपीएससी परीक्षा 2021 में डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुने गए टॉप 10 उम्मीदवारों में से एक थीं. वह अब आईएएस अधिकारी बनने की इच्छा रखती है. उनका लक्ष्य राज्य में डिप्टी कलेक्टर के रूप में काम करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षाओं की तैयारी करना है.
प्रियल 2019 में राज्य सेवा परीक्षा दिया, जिसमें 19वीं रैंक हासिल की और डिस्ट्रिक्स रजिस्ट्रार बनीं. वह इससे खुश नहीं थीं और फिर से तैयारी शुरू कर दी.
अगले ही साल राज्य सिविल सेवा परीक्षा 2020 में 34वीं रैंक लेकर आईं. इस बार उन्हें सहकारिता विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद के लिए चुना गया. प्रियल यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने फिर से 2021 में परीक्षा दी और डिप्टी कलेक्टर बन गईं.
ये वही प्रियल है जो 11वीं में एक बार फेल हो गई थीं. प्रियल 10वीं तक अपनी क्लास में टॉप करती थीं, मगर 11वीं में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स सब्जेक्ट चुन लिया.
प्रियल को इन सब्जेक्ट में कोई रुचि नहीं थी, जिसकी वजह से वह 11वीं में फिजिक्स में फेल हो गईं. 11वीं में फेल होने की इस घटना ने प्रियल को झकझोर कर रख दिया था.
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