Shaheed Bhagat Singh College Attendance Rule: दिल्ली यूनिवर्सिटी के शहीद भगत सिंह कॉलेज ने अटेंडेंस को लेकर नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए हैं. इसके तहत एक निश्चित प्रतिशत से कम अटेंडेंस होने पर छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ये नियम न सिर्फ सेमेस्टर के हिसाब से बल्कि फेलो के प्रतिशत के हिसाब से भी अलग-अलग हैं. जैसे छात्र कितने पेपर दे सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि छात्र की अटेंडेंस कितने प्रतिशत है. इसी प्रकार, अगर अटेंडेंस एक निश्चित प्रतिशत से कम है, तो आपको परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी.


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40 प्रतिशत अटेंडेंस का नियम बदला
आपको बता दें कि पहले शहीद भगत सिंह कॉलेज में एक नियम था, जिसके मुताबिक 40 फीसदी से कम अटेंडेंस होने पर छात्रों को परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलता था. लेकिन अब इसे घटाकर दस फीसदी कर दिया गया है. यानी अब किसी छात्र की अटेंडेंस दस प्रतिशत से कम होने पर ही उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी.


कौन से पेपर कितने प्रतिशत छूटेंगे?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन छात्रों की उपस्थिति 40 से 66 फीसदी के बीच है, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी. हालांकि, उन्हें शपथ पत्र देना होगा कि वे अगले सेमेस्टर में ऐसा नहीं करेंगे और इतने दिनों के लिए कॉलेज आएंगे कि दोनों सेमेस्टर की औसत उपस्थिति मिलाकर बराबर हो जाए. इसी तरह, सेमेस्टर 5 के छात्र परीक्षा में शामिल हो सकते हैं लेकिन सेमेस्टर 6 में उन्हें कम से कम 90 प्रतिशत अटेंडेंस पूरी करनी होगी.


देना होगा शपथ पत्र
अगर अटेंडेंस 30 से 39.99 प्रतिशत है तो छात्र को एक एईसी पेपर की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं, अगर अटेंडेंस 20 से 29.99 प्रतिशत है तो दो पेपर, एक एईसी और दूसरा डीएसई या जीई पेपर को देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं, 10 से 19.00 प्रतिशत अटेंडेंस पर तीन पेपर की अनुमति नहीं दी जाएगी, वे हैं एईसी, डीएसई या जीई और एक मुख्य विषय का पेपर. इसके अलावा 1 से 9.99 प्रतिशत अटेंडेंस होने पर कोई भी पेपर नहीं देने दिया जाएगा और छात्रों को अगले सेमेस्टर में कम अटेंडेंस को कवर करने का शपथ पत्र भी देना होगा.