Success Story: करियर से लेकर शादी तक जिंदगी में आए कई उतार-चढ़ाव, पढ़िए DSP Shrestha Thakur की कहानी
Success Story: डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर अपने तेज-तर्रार अंदाज के चलते यूपी में `लेडी सिंघम` के नाम से मशहूर हैं. साल 2012 में UPPSC की परीक्षा पास करने के बाद ऑफिसर बनने वाली श्रेष्ठा की जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही.
Success Story Of DSP Shrestha Thakur: आज हम आपको उत्तर प्रदेश की एक ऐसी महिला अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने कड़क मिजाज के लिए जानी जाती हैं. हम बात करे रह हैं डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर की, जिन्होंने अपनी जिंदगी में करियर से लेकर शादी तक बहुत सी परेशानियां झेली हैं, लेकिन वह हर चुनौती को पार करके आगे बढ़ी और आज देशभर की महिलाओं के लिए एक इंस्पिरेशन बनी हैं. आइए जानते हैं इस महिला अधिकारी की कहानी...
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में तैनात ऑफिसर श्रेष्ठा ठाकुर उन्नाव की रहने वाली हैं. वह राज्य की लेडी सिंघम के नाम से मशहूर है. वह सबसे पहले सुर्खियों में उस समय आई थीं जब साल 2017 में बुलंदशहर जिले में सर्किल ऑफिसर के पद पर नियुक्त थीं, तब चालान काटने को लेकर इस महिला ऑफिसर की एक पार्टी के साथ झड़प हो गई थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था.
श्रेष्ठा ठाकुर ने ऐसे तय किया ऑफिसर बनने का सफर
श्रेष्ठा ठाकुर अपने कॉलेज की पढ़ाई के लिए कानपुर पहुंचीं, जहां वह अक्सर कॉलेज के बाहर आवारा लड़के को बदतमीजी करते देखतीं. बताया जाता है कि लड़कियों के साथ होने वाली एक बार छेड़खानी के खिलाफ श्रेष्ठा ने आवाज उठाई और उनकी शिकायत करने के लिए थाने पहुंची, लेकिन पुलिस का रवैया देख उन्हें बहुत निराशा हुई. पुलिस ने उनका शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया. बस यहीं से उनके जीवन को नई दिशा मिली और श्रेष्ठा ने पुलिस अफसर बनने की ठानी, ताकि लड़कियों से छेड़छाड़ करने वाले मनचलों को अच्छी तरह से सबक सिखा सके.
पढ़ाई के दौरान ताने भी सुने
श्रेष्ठा ठाकुर ने भी देश ही आम लड़कियों की तरह ही लोगों के ताने भी सुने हैं. उनके घर वालों को यह कहा जाता था कि बेटी बड़ी हो गई है, अब इसे अकेले घर के बाहर नहीं जाना चाहिए. हालांकि, उनके भाई ने हमेशा उन्हें सपोर्ट किया और सभी तानों को अनसुना कर पढ़ाई पर फोकस करने को कहा.
बनीं तेज-तर्रार अधिकारी
डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर ने साल 2012 में यूपी पीसीएस की परीक्षा पास कर यह साबित भी कर दिखाया. पुलिस विभाग में जॉइनिंग होने के बाद ऐसे मामलों पर फौरन एक्शन लेने के चलते उनकी छवि एक तेज-तर्रार अधिकारी की बनी और धीरे-धीरे श्रेष्ठा लेडी सिंघम के नाम से मशहूर हो गईं.
पूर्व पति ने धोखाधड़ी करके की थी शादी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रेष्ठा ठाकुर की मुलाकात रोहित राज नाम के लड़के से एक मेट्रोमोनियल साइट पर हुई थी, जहां उसने खुद को 2008 बैच का आईआरएस ऑफिसर बताते हुए रांची में कमिश्नर होने का दावा किया था. दोनों ने साल 2018 में शादी कर ली. इसके बाद पति ने डिप्टी एसपी का नाम लेकर पैसे वसूलने शुरू कर दिए. सच्चाई सामने आते ही श्रेष्ठा ने शादी के 2 साल बाद पति को तलाक दे दिया था. जानकारी के मुताबिक तलाक के बाद भी रोहित की हरकतों में कोई सुधार नहीं हुआ. इसी कारण रोहित के खिलाफ श्रेष्ठा ने मुकदमा दर्ज कराया और अपने पूर्व पति को अरेस्ट करवा दिया.