पेपर से पहले आया पैनिक अटैक, फिर था आखिरी मौका और बहुत सारा प्रेशर, इन सबसे निकलकर पास कर ही लिया UPSC
UPSC Success Story: कम ही लोग होते हैं जो बार-बार गिरने के बाद उठकर फिर चलते हैं और फिर एक दिन ऐसा आता है कि वो सबसे आगे निकल जाते हैं. ऐसी ही एक ऑफिसर की कहानी आज हम लेकर आए हैं, जिसे पढ़कर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी...
IRS Girisha Chaudhary: किसी बड़ी उपबल्धि को पाने के लिए खुद को तपाना पड़ता है. मंजिल को पाने के लिए कड़ी मेहनत करते-करते धीरज और आत्मविश्वास के साथ खुद को चुनौतियों के लिए तैयार करना पड़ता हैं, तब कहीं जाकर सफलता मिलती हैं. इस राह पर चलकर एक बड़ी कामयाबी हासिल कर चुकी गिरीशा चौधरी ने इस बात को सच साबित कर दिखाया है, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बार-बार फेल होने के बावजूद हार नहीं मानी और न पीछे हटने का सोचा. पढ़िए आईआरएस ऑफिसर गिरीशा की सक्सेस स्टोरी...
बंटवारे के बाद भारत आया था परिवार
जानकारी के मुताबिक 1947 में भारत-पाक विभाजन के समय गिरीशा के दादा पाकिस्तान से भारत आए थे. यहां उन्होंने मजदूरी करने से लेकर रिक्शा चलाने और आइसक्रीम बेचने जैसे काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण किया. बताया जाता है कि आगे चलकर उन्हें सरकारी नौकरी मिली और वह बतौर पटवारी रिटायर हुए. गिरीशा के पिता पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर थे और उनकी मां भी बैंक में जॉब करती थीं.
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कहां से की है पढ़ाई?
हरियाणा के करनाल की रहने वालीं गिरीशा की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई करनाल में ही हुई. 12वीं के बाद उन्होंने कंप्यूटर साइंस बीटेक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्हें ईवाई कंपनी में अच्छे सैलरी पैकेज वाली नौकरी भी मिल गई, लेकिन इन सबके बाद भी गिरीशा को अपनी लाइफ में कोई की कमी खटक रही थी. काफी सोच-विचार करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया. गिरीशा के इस फैसले को कई लोगों ने गलत ठहराया, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की.
प्रीलिम्स ही नहीं निकाल पा रही थीं
गिरीशा ने 2018 में यूपीएससी का पहला अटेम्प्ट दिया, लेकिन प्रीलिम्स में 20 नंबर से चूक गई. 2019 में फिर 1.5 नंबर से रह गईं. 2020 में अपने अगले अटेम्प्ट के समय वह बहुत टेंशन में आ गईं. पेपर के एक रात पहले वे सो नहीं पाई, फेल होने के डर से इस बार भी पेपर बिगड़ गया.
पैनिक अटैक के चलते बिगड़ी हालत
हालांकि, अगले अटैम्प्ट में पूरी तरह से तैयार गिरीशा को भरोसा था कि प्रीलिम्स और मेंस आसानी से निकाल लेंगी, लेकिन प्रीलिम्स के पेपर से एक दिन पहले उन्हें पैनिक अटैक आ गया. वह पूरी रात बेसुध पड़ी रही, फिर सुबह पिता को फोन किया और हिम्मत जुटाकर परीक्षा में बैठी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी.
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सपना पूरा करने का आखिरी मौका था
साल 2022 में उनका 5वां प्रयास था, लेकिन इस बार वह डरी नहीं और प्रीलिम्स निकाल लिया. साल 2023 में गिरीशा ने हरियाणा लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी और पहली बार में मेंस निकाल लिया. साल 2023 उनके लिए कई मायनों में अहम था, क्योंकि यह गिरीशा के लिए कुछ कर दिखाने का 6वां और आखिरी प्रयास था. इस बार गिरीशा ने यूपीएससी की प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू तीनों स्टेज निकाल लिए. गिरीशा चौधरी ने अपनी मंजिल को पाने के लिए कड़ी मेहनत करना नहीं छोड़ा और आखिरकार साल 2023 में उन्हें सफलता मिल ही गई. यूपीएससी की परीक्षा में 263वीं रैंक हासिल की.