IFS Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) जो आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के लिए एंट्री गेट के रूप में काम करती है, निस्संदेह भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. कई उम्मीदवार परीक्षा में सफल होने और सिविल सेवक बनने के अपने सपने को पूरा करने की इच्छा रखते हैं.


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हालांकि, एक ब्रिलिएंट माइंड गहना नव्या जेम्स अन्य उम्मीदवारों की तरह नहीं हैं. AIR-6 हासिल करने के बाद भी, उन्होंने आईएएस अधिकारी नहीं बनने का फैसला किया. ख़ैर, आपने सही पढ़ा! मलयाली लड़की ने यूपीएससी 2022 में छठी रैंक हासिल की लेकिन आईएएस अधिकारी नहीं बनने का फैसला किया.


केरल के कोट्टायम जिले के पाला की रहने वाली नव्या ने पाला के अल्फोंसा कॉलेज से हिस्ट्री में बीए किया. इसके बाद उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में एमए की पढ़ाई की और सेंट थॉमस कॉलेज से पहली रैंक हासिल की. यूजीसी नेट परीक्षा में जूनियर रिसर्च फेलोशिप हासिल करने के बाद उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन में पीएचडी भी की.


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उन्होंने 2022 की यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया, वो भी बिना किसी कोचिंग के. तैयारी के लिए उन्होंने सिर्फ अखबारों और इंटरनेट पर भरोसा किया. बचपन से ही अखबार पढ़ने की आदत थी, जिससे उन्हें कई सब्जेक्ट और घटनाओं पर अपनी राय बनाने में मदद मिली, जो यूपीएससी परीक्षा में उनके बहुत काम आई.


अपने चाचा आईएफएस अधिकारी सिबी जॉर्ज से प्रेरित होकर, नव्या ने भी एआईआर-6 के बावजूद आईएएस के बजाय आईएफएस अधिकारी बनने का फैसला किया.


नव्या ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में शेयर किया कि, "मेरे चाचा, 1993 बैच के आईएफएस अधिकारी थे, सिविल सर्विस के लिए एक प्रेरक कारक रहे हैं. इसके अलावा, विदेशी सर्विस में उनकी उपस्थिति ने अंतरराष्ट्रीय मामलों पर नजर रखने में रुचि जगाई."