Uttarakhand TET Cut-Off: उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (UBSE) आधिकारिक वेबसाइट ubse.uk.gov.in पर पीडीएफ फॉर्मेट में UTET 2024 कट-ऑफ जारी करेगा. UTET कट-ऑफ न्यूनतम नंबरों का रिप्रेजेंट करता है जो उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए क्वालिफाई होने के लिए स्कोर करने की जरूरत होती है. यह अलग अलग फेक्टर के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जैसे कि परीक्षा देने वालों की संख्या, उपलब्ध वैकेंसी, एवरेज एग्जाम स्कोर और बहुत कुछ.


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मिनिमम क्वालिफाईंग मार्क्स अलग अलग कैटेगरी में अलग-अलग होते हैं. जो उम्मीदवार अगले साइकल में शामिल हुए हैं या इसके लिए तैयारी कर रहे हैं, उन्हें UTET परीक्षा के कट-ऑफ मार्क्स देखने चाहिए  ताकि वे पास होने की अपनी संभावनाओं का अनुमान लगा सकें. UTET कट ऑफ के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें, जिसमें मिनिमम क्वालिफाई मार्क्स, इसे चेक करने के स्टेप, इसे निर्धारित करने वाले कारक और बहुत कुछ शामिल है.


यूटीईटी मिनिमम क्वालिफाईंग मार्क्स
शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के लिए, उम्मीदवारों को मिनिमम क्वालिफाइंग मार्क्स प्राप्त करने होंगे. ज्यादा जानकारी के लिए नीचे दिए गए UTET क्वालिफाइंग मार्क्स देखें.


UTET Cut Off Marks


Category Minimum Qualifying Percentage Passing Marks
General 60% Marks 90 Out Of 150
OBC/SC/ST 55% Marks 82 Out Of 150

यूटीईटी कट ऑफ 2024
UTET एक योग्यता परीक्षा है, और न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को UTET सर्टिफिकेट प्राप्त होगा. उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (UBSE) पेपर I और पेपर II दोनों के लिए ये मार्क्स निर्धारित करता है. आमतौर पर, UTET कट-ऑफ मार्क्स 2024 जनरल कैटेगरी के लिए 60 फीसदी और रिजर्व कैटेगरी के लिए 55 फीसदी निर्धारित किए जाते हैं. आधिकारिक कट-ऑफ पीडीएफ रिजल्ट के साथ प्रकाशित किया जाएगा.


यूटीईटी कट ऑफ मार्क्स 2024 पीडीएफ डाउनलोड करने के स्टेप


स्टेप 1: आधिकारिक वेबसाइट ubse.uk.gov.in पर जाएं.


स्टेप 2: होमपेज पर, UTET कट ऑफ 2024 सर्च करें और इस पर क्लिक करें.


स्टेप 3: रजिस्ट्रेशन नंबर, पासवर्ड/ कैप्चा जैसी जरूरी डिटेल दर्ज करें.


स्टेप 4: सबमिट करें और आपके कट ऑफ मार्क्स स्क्रीन पर आ जाएंगे.


उत्तराखंड टीईटी कट ऑफ को प्रभावित करने वाले फेक्टर
यूटीईटी कट ऑफ 2024 को कई कारक प्रभावित करते हैं:


  • वैकेंसी की संख्या: ज्यादा नौकरियों के मौके अक्सर UTET कट ऑफ को कम कर देते हैं, जिससे उम्मीदवारों के लिए क्वालिफाई करना आसान हो जाता है.

  • कैंडिडेट्स की संख्या: जब वैकेंसी की तुलना में ज्यादा कैंडडेट परीक्षा में बैठते हैं, तो आमतौर पर कटऑफ बढ़ जाती है, जिससे कंपटीशन बढ़ जाता है.

  • पिछले सालों के ट्रेंड: पिछले सालों के कट ऑफ ट्रेंड पिछले पैटर्न के आधार पर ज्यादा या कम कट ऑफ के साथ बेंचमार्क निर्धारित करने में मदद करते हैं.

  • परीक्षा की कठिनाई: यदि परीक्षा चुनौतीपूर्ण है, तो निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए कट ऑफ को कम किया जा सकता है.


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