BPSC Candidates Protest: बिहार में बीपीएससी 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा 2024 का आयोजन 13 दिसंबर को किया जाना है. लेकिन अभ्यर्थी परीक्षा के ठीक एक सप्ताह पहले आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रोटेस्ट इतना बढ़ गया कि पुलिस को अभ्यर्थियों के ऊपर लाठी चार्ज तक करना पड़ा. दरअसल, अभ्यर्थी बीपीएससी परीक्षा के लिए जारी किए गए नए नियमों के कारण आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. 


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क्या है अभ्यर्थियों की डिमांड?
आयोग के नए नियमों के मुताबिक, बीपीएससी कंबाइंड प्रीलिम्स परीक्षा में परसेंटाइल और नॉर्मलाइजेशन का मैथड लागू किया जाएगा. जबकि अभ्यर्थियों की मांग है कि परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर और एक ही पैटर्न में बिना पेपर लीक के आयोजित की जाए और जिससे नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को खत्म किया जा सके. छात्रों का मानना है कि इससे अभ्यर्थियों के बीच भेद-भाव पैदा होगा और यब उनके भविष्य पर भी असर डालेगा.


खान सर छात्रों के समर्थन में आए
एजुकेटर और यूट्यूबर खान सर भी शुक्रवार को पटना के गर्दनीबाग में बिहार लोक सेवा आयोग के उम्मीदवारों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए. खान सर ने विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा, "यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें परीक्षा से ठीक एक सप्ताह पहले चाणक्य की धरती पर अपनी मांग के लिए विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है. हम चाहते हैं कि BPSC के अध्यक्ष यह कहें कि नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा और परीक्षाएं एक शिफ्ट में होंगी और सभी छात्रों को एक ही पेपर दिया जाएगा. हम यहां से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक नॉर्मलाइजेशन को खत्म करने का आश्वासन नहीं मिल जाता."



इस कारण भड़का विरोध प्रदर्शन
विरोध तब और बढ़ गया जब बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने बेली रोड स्थित BPSC कार्यालय की ओर मार्च करने का प्रयास किया, जिससे यातायात बाधित हो गया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया. 


समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) राजीव मिश्रा ने कहा, "किसी भी प्रदर्शनकारी को कोई चोट नहीं आई. पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने वालों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया. हम प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रहे हैं और आगे की कार्रवाई के लिए सभी सीसीटीवी फुटेज का एनालिसिस किया जा रहा है."


हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान दो या तीन अभ्यर्थी घायल हुए हैं, जैसा कि पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया है.


परीक्षा तारीख आगे बढ़ाने की मांग
प्रदर्शनकारी छात्रों ने बीपीएससी से नॉर्मलाइजेशन के इस्तेमाल को खारिज करने वाले स्पष्ट बयान की मांग की और आवेदन प्रक्रिया के दौरान सामने आई तकनीकी कठिनाइयों का हवाला देते हुए परीक्षा तारीख को आगे बढ़ाने का आग्रह किया. 13 दिसंबर को होने वाली परीक्षा 925 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी और इसमें लगभग पांच लाख उम्मीदवारों के भाग लेने की उम्मीद है.


खान सर हिरासत में...
खान सर, जो अपनी ऑनलाइन कोचिंग और छात्रों के बीच महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए जाने जाते हैं, गर्दनीबाग में धरने पर बैठे और उम्मीदवारों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने दोहराया, "जब तक अध्यक्ष स्पष्टीकरण जारी नहीं करते, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा." एसएसपी ने उन्हें हिरासत में लिए जाने की खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि खान सर स्वेच्छा से गर्दनीबाग थाने गए थे ताकि इस बात पर जोर दिया जा सके कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.


तेजस्वी यादव ने की नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की आलोचना
इस विरोध प्रदर्शन ने राजनीतिक ध्यान भी खींचा है, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने छात्रों का समर्थन किया है. एक बयान में यादव ने पिछले परीक्षा फॉर्मेट को वापस लेने का आह्वान किया और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की आलोचना की. उन्होंने कहा, "बीपीएससी को नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के बिना पहले की तरह ही परीक्षा आयोजित करनी चाहिए. आयोग को परीक्षा की तारीख भी आगे बढ़ानी चाहिए."


उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, "जिनका राजनीतिक करियर रिटायरमेंट की उम्र में है, वे छात्रों और नौकरी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को लाठियों से पिटवा रहे हैं. नीतीश-भाजपा सरकार द्वारा उम्मीदवारों पर बर्बर लाठीचार्ज असहनीय और निंदनीय है."


उन्होंने कहा, "छात्र पढ़ेंगे, सिस्टम से लड़ेंगे, नौकरी के लिए सरकार से भिड़ेंगे, सरकार की लाठियां खाएंगे और फिर भी वोट देंगे. BPSC, पेपर लीक सिंडिकेट और कोचिंग माफिया के इशारे पर काम कर रहा है. अगर सरकार माफिया से मिलीभगत नहीं है, तो छात्रों की जायज मांगों को मानने में क्या दिक्कत है? #BPSC_NO_NORMALIZATION" 



सांसद पप्पू यादव BPSC अभ्यर्थियों के विरोध में हुए शामिल
इस बीच, निर्दलीय पूर्णिया सांसद पप्पू यादव भी BPSC अभ्यर्थियों के विरोध में शामिल हुए और कहा, "छात्र मार्क्स के नॉर्मलाइजेशन की मांग नहीं कर रहे हैं. मैंने पहले भी कहा है कि परीक्षा परिणाम एक महीने के भीतर घोषित किए जाने चाहिए...सरकार पेपर लीक को लेकर गंभीर नहीं है. पुलिस का लाठीचार्ज अस्वीकार्य है." 



अशोक चौधरी ने लगाया छात्रों को भड़काने का आरोप
हालांकि, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ''सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमने नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं किया है. जब हमने इसे लागू नहीं किया, तो इसे वापस लेने का तो सवाल ही नहीं उठता. हमारी इस बारे में किसी से कोई बात नहीं हुई है. यह जानकारी हमें अखबार के माध्यम से मिली है.''


उन्होंने कहा कि कुछ लोग, खासकर राजनेता, इन लोगों को भड़काने का काम कर रहे है. भड़काने के बाद उन पर दंडात्मक कार्रवाई करवा रहे हैं. ये वही नेता हैं जो बाद में आराम से बयान दे रहे हैं. वे बेचारे छात्रों को गुमराह कर रहे हैं. जो चीज हुई नहीं है उस पर बयान देना पूरी तरह से गलत है.


BPSC चेयरमैन ने दिया अपना तर्क
वहीं, BPSC ने परीक्षा प्रक्रिया को लेकर तर्क दिया है कि इससे पेपर लीक की समस्या को रोका जा सकेगा. इसके अलावा बीपीएससी चेयरमैन रवि मनु भाई परमार ने कहा है कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अगली परीक्षा से लागू की जाएगी. इस परीक्षा से इसे लागू नहीं किया गया है. 


उन्‍होंने अभ्यर्थियों से अपील की है कि नॉर्मलाइजेशन जब अभी लागू नहीं किया जाएगा तो वे विरोध क्यों कर रहे हैं? उनकी तरफ से कहा गया है कि विज्ञापन में सभी बातों की जानकारी दी गई थी. परीक्षा की तैयारी छोड़कर बेवजह प्रदर्शन करना गलत है. आयोग की तरफ से कहा गया है कि जब एक शिफ्ट और एक ही दिन में परीक्षा ली जा रही है, तो नॉर्मलाइजेशन कहां लागू हुआ.