Nobel Prize Money: नोबेल प्राइस दुनियाभर से सबसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक हैं, जिसकी शुरुआत साल 1901 में हुई थी. हर साल पांच कैटेगरी केमिस्ट्री, फिजिक्स, लिटरेचर, शांति और साइकोलॉजी/मेडिसिन में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की जाती है. इसके अलावा एक अर्थशास्त्र पुरस्कार भी दिया जाता है, जो तकनीकी रूप से नोबेल पुरस्कार नहीं है. इस तरह  5 से 6 अलग-अलग कैटेगरी में बेहतरीन काम करने वाले लोगों को ये प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने का अवसर मिलता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नोबेल प्राइज विनर्स को आखिर कितनी धनराशि मिलती है?. चलिए जानते हैं...


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नोबेल प्राइस विनर सिलेक्शन
इंग्लिश वेबसाइट Britannica के मुताबिक नोबेल प्राइज विनर्स चुने जाने की प्रक्रिया शुरू होने के पूरे एक साल बाद विजेताओं के नामों की घोषणा की जाती है. नोबेल कमेटी 6,000 से ज्यादा लोगों को विचार के लिए नाम पेश करने के लिए आमंत्रित करती है. प्रक्रिया सिंतबर से शुरू होती है और 4 महीने बाद 31 जनवरी में सबमिशन होता है.  इसके बाद समिति नामांकन की जांच करती है. इसके बाद विशेषज्ञ परामर्श की सहायता से ये लिस्ट करीब 15 नामों तक सीमित हो जाती है.


वेबसाइट के अनुसार नोबेल पुरस्कार विजेता को नकद राशि, सर्टिफिकेट और गोल्ड मेडल दिया जाता है.  सिफारिशें पुरस्कार देने वाले संस्थानों को दी जाती हैं, जो फाइनल सिलेक्शन निर्धारित करती हैं: 
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज फिजिक्स, केमिस्ट्री और इकोनॉमिक्स के लिए पुरस्कार देती है. 
करोलिंस्का संस्थान साइकोलॉजी या मेडिसिन के लिए अवॉर्ड देती है.
स्वीडिश एकेडमी साहित्य के लिए पुरस्कार प्रदान करती है
नॉर्वेजियन नोबेल समिति शांति के लिए अवॉर्ड देती है.


नोबेल पुरस्कार इतिहास
एक अन्य इंग्लिश वेबसाइट Investopedia के मुताबिक स्वीडिश साइंटिस्ट, इन्वेंटर और आंत्रप्रेन्योर अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी ज्यादातर संपत्ति नोबेल प्राइज फाउंडेशन के तौर पर छोड़ी थी. उन्होंने निर्धारित किया कि पुरस्कारों के इंतजाम के लिए उनकी संपत्ति को "सेफ सिक्योरिटी" में इन्वेस्ट किया जाना चाहिए. डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की मौत 1896 में हो गई थी. उनकी वसीयत में कहा गया था कि उनके इंनस्टमेंट मिले इंटरेस्ट को अवॉर्ड्स के रूप में दिया जाएं. जब उनका विल पढ़ी गई तो उनका परिवार हैरान रह गया और उन्होंने इसका विरोध किया. आखिरकार 1901 में पुरस्कार देने की शुरुआत हुई.  


नोबेल प्राइज की शुरुआत
Investopedia के मुताबिक पहला नोबेल पुरस्कार 1901 में दिया गया था, जिसमें 150,782 स्वीडिश क्रोनर का नकद पुरस्कार दिया गया था, जो भारतीय करेंसी में 11 लाख रुपये से ज्यादा होगी. समय के साथ साथ पुरस्कार में मिलने वाली राशि भी बढ़ी है. सबसे पहला इनाम 11 लाख रुपये था जो अब बढ़ कर 8 करोड़ रुपयों से ज्यादा हो गया. 
 
नोबल प्राइज मनी
साल 2022 में नोबेल प्राइज मनी SEK 8.8 मिलियन के बराबर (लगभग $900,000) था. 
साल 2023 के नोबेल पुरस्कारों की कीमत SEK 11 मिलियन थी, जो करीब 9.86 डॉलर (8 करोड़ से ज्यादा) होते हैं.  
2020 में नोबेल पुरस्कार राशि SEK 1 मिलियन से बढ़ाकर SEK 10 मिलियन कर दी गई.
साल 2017 में ये 90 लाख स्वीडिश क्रोनर थी. 
साल 2012 में नोबेल विजेताओं को 80 लाख स्वीडिश क्रोनर दिए जाते थे. 


1990 के दशक तक नोबेल पुरस्कारों का नकद मूल्य बढ़ गया, 2001 में SEK 10 मिलियन (दिसंबर 2022 मूल्यांकन में SEK 12.6 मिलियन) तक पहुंच गया और 11 साल तक वहीं रहा. 


इस समय तक फंड का इंतजाम करने वाले इंवेस्टर्स ने पूंजी को बढ़ाने के लिए हेज फंड का उपयोग करना शुरू कर दिया था. हालांकि, 2012 के पुरस्कारों के साथ नोबेल फाउंडेशन ने घोषणा की कि वह नकद पुरस्कार में 20 प्रतिशत की कटौती करेगा. 


ऑर्गेनाइजेशन की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक फंड का लक्ष्य इंफ्लेशन से कम से कम 3% ऊपर की मिनिमम एनुएल रिटर्न पूरा करना है. यह फंड इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, प्रापर्टीज और ऑल्टरनेटिव एसेट्स (हेज फंड) में इंनवेस्ट करता है.