कौन हैं रिटायर्ड IAS हर्ष मंदर, जिनकी गोधरा पर लिखी किताब से मचा है बवाल?
IAS Harsh Mandar: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि इस किताब में गोधरा कांड के बारे में गलत जानकारी दी गई है और समाज को बांटा जा रहा है.
नई दिल्ली: राजस्थान में स्कूलों में पढ़ाई जा रही एक किताब पर इन दिनों काफी विवाद हो रहा है. यह किताब 2002 में गुजरात में हुए गोधरा कांड पर आधारित है और इसका नाम है "अदृश्य लोग- उम्मीद और साहस की कहानियां". राजस्थान सरकार ने इस किताब को स्कूली सिलेबस से हटाने का फैसला किया है.
सरकार का दावा
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि इस किताब में गोधरा कांड के बारे में गलत जानकारी दी गई है और समाज को बांटा जा रहा है. उनका आरोप है कि किताब में ट्रेन जलाने वालों को हीरो की तरह दिखाया गया है और हिंदुओं को गलत तरीके से पेश किया गया है. साथ ही, गुजरात की तत्कालीन सरकार के बारे में भी गलत बातें लिखी गई हैं.
किताब के लेखक
यह किताब पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर ने लिखी है जो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कई जिलों में कलेक्टर रह चुके हैं. हर्ष मंदर अब तक 25 से अधिक किताबें लिख चुके हैं और वे भारत के हाशिए पर रहने वाले लोगों के मुद्दों पर लिखते हैं.
कौन हैं पूर्व आईएएस हर्ष मंदर?
पूर्व आईएएस हर्ष मंदर का जन्म 17 अप्रैल 1955 को शिलांग में एक सिख परिवार में हुआ था. उनका परिवार मूल रूप से पाकिस्तान के रावलपिंडी से था. वह 1980 में UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बने थे. उन्होंने गुजरात दंगों के बाद अपनी नौकरी छोड़कर एक NGO में काम करना शुरू कर दिया. वह एक जाने-माने कॉलमिस्ट, रिसर्चर और सोशल वर्कर हैं.
विवाद का कारण
दरअसल, यह विवाद इसलिए हुआ है क्योंकि दोनों पक्षों के अलग-अलग नजरिए हैं. एक तरफ सरकार का कहना है कि किताब में तथ्यों को तोड़ा गया है और दूसरी तरफ किताब के लेखक का कहना है कि उन्होंने सच्चाई को सामने रखा है.
यह विवाद क्यों महत्वपूर्ण है?
यह विवाद इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इतिहास को किस तरह से पेश किया जाना चाहिए, इस पर एक बहस छेड़ता है. यह भी दिखाता है कि कैसे राजनीति और धर्म, शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रवेश कर जाते हैं.