इन फील्ड में कभी ना करें इंजीनियरिंग, हो जाएगा करियर बर्बाद, कौड़ी के भाव मिलेगी सैलरी
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इन फील्ड में कभी ना करें इंजीनियरिंग, हो जाएगा करियर बर्बाद, कौड़ी के भाव मिलेगी सैलरी

Worst Engineering Courses: आज हम इंजीनियरिंग करने के इच्छुक छात्रों को उन फील्ड के बारे में बताएंगे, जिनकी इंडस्ट्रियल डिमांड समय के साथ कम होती जा रहा है. वहीं सैलरी भी अपेक्षाकृत काफी कम मिलती है.

इन फील्ड में कभी ना करें इंजीनियरिंग, हो जाएगा करियर बर्बाद, कौड़ी के भाव मिलेगी सैलरी

Worst Engineering Courses: इंजीनियरिंग आज भी छात्रों के बीच एक लोकप्रिय क्षेत्र है, लेकिन सभी इंजीनियरिंग ब्रांच समान अवसर या हाई सैलरी प्रदान नहीं करतीं. कुछ स्पेशल फील्ड में करियर बनाने पर छात्रों को न केवल सीमित अवसर मिल सकते हैं, बल्कि सैलरी भी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे उनका करियर जोखिम में पड़ सकता है. यहां कुछ ऐसी इंजीनियरिंग फील्ड के बारे में बताया गया हैं, जिनमें करियर बनाना आर्थिक रूप से लाभकारी नहीं हो सकता है.

1. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग का उद्देश्य कृषि कार्यों को अधिक एडवांस और मशीनों पर आधारित बनाना है. लेकिन यह फील्ड अभी भारत में उतनी उन्नति नहीं कर पाया है, जिससे रोजगार के अवसर बहुत कम होते हैं. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में एक्सपर्टाइज रखने वाले छात्रों को प्राइवेट कंपनियों में सीमित अवसर मिलते हैं और सैलरी भी सामान्यतः कम होती है. इस कारण, यह फील्ड आर्थिक दृष्टि से मजबूत विकल्प नहीं है.

2. मरीन इंजीनियरिंग
मरीन इंजीनियरिंग समुद्री परिवहन और जहाजों के निर्माण से जुड़ी होती है. यह फील्ड मुख्य रूप से बड़े समुद्री पोर्ट्स, समुद्री यात्रा और शिपिंग कंपनियों तक ही सीमित है. इसके अलावा, इस फील्ड में नौकरियों का स्थानांतरण अक्सर समुद्री और तटीय इलाकों में होता है, जिससे लोग इस फील्ड में करियर बनाते समय परिवार से दूर रह जाते हैं. साथ ही, जॉब की सिक्योरिटी और सैलरी में उतार-चढ़ाव बना रहता है.

3. पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग
पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग तेल और गैस की फील्ड से जुड़ी होती है, जो वर्तमान में वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय मुद्दों और स्वच्छ ऊर्जा के बढ़ते दबाव के चलते अनिश्चितता में है. इस फील्ड में भविष्य की संभावनाएं सीमित होती जा रही हैं. ऐसे में अगर छात्र पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग का चयन करते हैं, तो उन्हें स्टेबल जॉब या संतोषजनक सैलरी प्राप्त करने में दिक्कत हो सकती है.

4. प्रोडक्शन और मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियरिंग
यह फील्ड बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों और उत्पादन कारखानों से जुड़ा है. लेकिन हाल के वर्षों में, भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार के अवसर घटे हैं और ऑटोमेशन के कारण भी प्रोडक्शन इंजीनियर्स की मांग कम हुई है. इस फील्ड में सैलरी भी अन्य इंजीनियरिंग फील्ड की तुलना में कम होता है.

5. पेपर टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग
पेपर टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग का फोकस पेपर उत्पादन और प्रोसेसिंग से संबंधित है. डिजिटल युग में कागज की मांग लगातार घटती जा रही है, जिससे इस फील्ड में नौकरी के अवसर बेहद सीमित हो गए हैं. पेपर मिल्स और संबंधित इंडस्ट्रीज में सैलरी भी औसतन कम होती है.

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