Sapna Sinha Success Story: छोटे शहरों से आने वाले लोगों की सफलता की कहानियां बहुत ही मोटिवेशनल होती हैं. ऐसी ही एक जबरदस्त कहानी है 29 साल की सपना सिन्हा की, जिन्होंने दिमाग और सोचने की क्षमता के बारे में अपनी शानदार रिसर्च के लिए फोर्ब्स की 30 अंडर 30 एशिया की लिस्ट में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है. ये बहुत बड़ी उपलब्धि है जो उनकी लगन और मेहनत को दिखाती है.


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सपना का जन्म 1995 में हुआ था. उनके पिता संजय कुमार इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख हैं और उनकी मां संगीता सिन्हा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी (बीआरएबीयू) में फिजिक्स की प्रोफेसर हैं.


सपना का पालन-पोषण ऐसे घर में हुआ जहां पढ़ाई को बहुत महत्व दिया जाता था. छोटी उम्र से ही उनके सपनों और जिज्ञासा को बढ़ावा मिला. उन्होंने मुजफ्फरपुर और पटना में स्कूल में टॉप किया और फिर जापान की नागोया यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की.


इसके बाद, सपना ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई की, जहां उनके नैनोमटेरियल पर किए गए रिसर्च को दुनिया भर में बहुत सराहना मिली. इसके बाद उन्होंने जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम किया और 2021 में उन्हें श्मिट साइंस फेलो चुना गया.


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साल 2022 में, वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में शामिल हुईं, जहां ऑप्टोजेनेटिक्स पर उनका नया काम, जिससे कोशिकाओं को उत्तेजित करने के लिए रोशनी का इस्तेमाल किया जाता है, दिमाग और रीढ़ की हड्डी की चोटों को ठीक करने की नई उम्मीद जगा रहा है.


सपना का फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट में शामिल होना उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और दुनिया में बदलाव लाने के जुनून को दर्शाता है. वह 300 युवा दिग्गजों में शामिल हुई हैं जो आर्ट्स, एंटरटेनमेंट, फाइनेंस और टेक्नोलॉजी जैसे अलग अलग फील्ड से आते हैं और हमारे भविष्य को प्रभावित करने वाली अनूठी प्रतिभाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं.


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