MBBS Seats: भारत में डॉक्टर बनने के लिए नीट क्वालिफाई करना जरूरी है. इसमें हर साल लाखों युवा शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही एग्जाम निकाल पाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर किस स्टेट के युवा सबसे ज्यादा डॉक्टर बनते हैं...
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Doctor's Factory In India: भारत में डॉक्टर बनना एक सपना ही नहीं, बल्कि समाज सेवा और आर्थिक मजबूती का प्रतीक भी है. हर साल लाखों छात्र डॉक्टर बनने का लक्ष्य लेकर मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में बैठते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस राज्य से सबसे ज्यादा डॉक्टर निकलते हैं? जहां कुछ राज्यों को आईएएस की फैक्ट्री कहा जाता है. वहीं, एक राज्य ऐसा भी है, जिसे डॉक्टरों की फैक्ट्री के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं इसकी वजह...
डॉक्टरों की फैक्ट्री
कर्नाटक को देश में सबसे ज्यादा डॉक्टर देने वाले राज्य के रूप में जाना जाता है. यहां एमबीबीएस की सीटों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है. राज्यसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, कर्नाटक में लगभग 11,745 एमबीबीएस सीटें हैं. इतनी बड़ी संख्या में सीटें मौजूद होने के कारण यहां हर साल सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई पूरी करके डॉक्टर बनते हैं. यही वजह है कि कर्नाटक को 'डॉक्टरों की फैक्ट्री' कहा जाता है.
तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान
एमबीबीएस सीटों की संख्या के मामले में कर्नाटक के बाद तमिलनाडु का स्थान आता है. तमिलनाडु में 11,650 एमबीबीएस सीटें हैं. वहीं, तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 10,845 एमबीबीएस सीटें अवेलेबल हैं. इन राज्यों की बड़ी संख्या में सीटें यह सुनिश्चित करती हैं कि मेडिकल क्षेत्र में नए डॉक्टरों की कमी न हो.
अन्य प्रमुख राज्य
अगर अन्य राज्यों की बात करें तो चौथी पोजीशन पर उत्तर प्रदेश है, जहां 9,903 एमबीबीएस सीटें हैं. इसके बाद तेलंगाना में 8,490 सीटें, गुजरात में 7,150 सीटें और आंध्र प्रदेश में 6,485 सीटें आती हैं. इन राज्यों में भी मेडिकल एजुकेशन के लिए बहुत मौके हैं.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार
राजस्थान में एमबीबीएस की 5,575 सीटें, मध्य प्रदेश में 4,800 सीटें और बिहार में 2,765 सीटें हैं. हालांकि, इन राज्यों की सीटें कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले कम हैं, लेकिन इन राज्यों से भी हर साल बड़ी संख्या में छात्र डॉक्टर बनकर निकलते हैं.
डॉक्टर बनने का महत्व
भारत में डॉक्टरों की जरूरत हर क्षेत्र में है. शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए डॉक्टरों का बड़ा योगदान होता है. यही कारण है कि हर राज्य अपने यहां मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहा है.