Why are Black Beads in Mangalsutra: हिंदू धर्म में विवाह का अपना ही एक अलग महत्व है. विवाह के दौरान बहुत से ऐसे रीति-रिवाज होते हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व काफी ज्यादा है. आपने हिंदू विवाह के दौरान देखा होगा कि वर-वधू एक दूसरे के साथ सात फेरे लेते हैं और एक दूसरे को सात वचन भी देते हैं. इसके अलावा वर अपनी वधू की मांग में सिंदूर भरता है और उसे मंगलसूत्र पहनाता है, जिसके बाद ही विवाह संपन्न होता है. 


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विवाह के बाद आपने देखा भी होगा कि हिंदू महिलाएं शादी के बाद अपनी मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहनती हैं, जो उनके विवाहित होने की निशानी होती है. वहीं, अगर आपने कभी किसी महिला के मंगलसूत्र को देखा हो, तो आपने इस बात पर जरूर गौर किया होगा कि उसमें काले रंग के मोती होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर मंगलसूत्र में काले मोती ही क्यों होते हैं. अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको इसके पीछे के धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारण के बारे में बताते हैं.


धार्मिक कारण:


- नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: काले रंग को नकारात्मक ऊर्जा से बचाव का प्रतीक माना जाता है. मंगलसूत्र में काले मोती विवाहित महिलाओं को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाने के लिए होते हैं.


- भगवान शिव का प्रतीक: काला रंग भगवान शिव का प्रतीक है. मंगलसूत्र में काले मोती भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने और पति की लंबी आयु के लिए होते हैं.


- माता पार्वती का प्रतीक: सोने के साथ काले मोती माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन का प्रतीक माने जाते हैं. यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक है.


सांस्कृतिक कारण:


सुहाग का प्रतीक: मंगलसूत्र और उसमें लगे काले मोती विवाहित महिलाओं के सुहाग का प्रतीक हैं. यह उनके वैवाहिक जीवन की खुशी और समृद्धि का प्रतीक भी है.


परंपरा: मंगलसूत्र में काले मोती का उपयोग सदियों से होता आ रहा है. यह एक परंपरा है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है.


वैज्ञानिक कारण:


चिकित्सीय लाभ: काले मोती में कई चिकित्सीय लाभ होते हैं. माना जाता है कि ये मोती बीपी को नियंत्रित करने, तनाव कम करने और एकाग्रता में सुधार करने में मदद करते हैं.