IFS officer Jagdish S Bakan: माता-पिता हमेशा चाहते हैं कि उनके बच्चे जीवन में सफल बनें और वे उनके लिए जितना कर सकते हैं उससे ज्यादा करने की कोशिश करते हैं- चाहे वह उनकी परवरिश हो या उन्हें कंफर्ट देना. माता-पिता सभी सुख-सुविधाओं को देने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, भले ही उन्हें खाली पेट ही क्यों न रहना पड़े और जब उनके बच्चे जीवन में कुछ बड़ा हासिल करते हैं, तो वे पूरी दुनिया में सबसे खुश होते हैं, अपने बच्चों की सफलता का जश्न ऐसे मनाते हैं जैसे कि यह उनकी अपनी सफलता हो.


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इसलिए, बच्चों की जिम्मेदारी है कि वे अपने माता-पिता को खुशी के पल दें ताकि उन्हें एहसास हो सके कि उनकी मेहनत आखिरकार रंग लाई है. ऐसा ही एक IFS अधिकारी ने किया जब वह पहली बार अपने माता-पिता को अपना ऑफिस दिखाने ले गए. 2017-बैच के आईएफएस अधिकारी जगदीश एस. बाकन, जो वर्तमान में तमिलनाडु के रामनाथपुरम में वन्यजीव वार्डन और डीएफओ हैं, ने अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराया क्योंकि वह उन्हें अपना ऑफिस दिखाने के लिए ले गए.


बाकन ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, “हालांकि वे (मेरे पिता और माता) स्कूल नहीं जा सके, उन्होंने मेरी स्कूली शिक्षा सुनिश्चित की. एक छोटा किसान होने के बावजूद, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मैं अपने गांव से पहला इंजीनियर, पहला पीएसयू नौकरी वाला और पहला यूपीएससी पास करने वाला बना. वे पहली बार मेरे ऑफिस आए थे.



फोटो में बाकन अपने माता-पिता के साथ अपने ऑफिस के अंदर खड़े नजर आ रहे हैं. फोटो के लिए पोज देते समय वे सभी मुस्कुरा रहे थे. उन्हें अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व था. बाकन द्वारा फोटो शेयर करने के बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. फोटो को कई ब्यूरोक्रेट्स ने अपनी सफलता में अपने माता-पिता को नहीं भूलने के लिए बाकन की प्रशंसा करते हुए शेयर किया.


गौरतलब है कि जगदीश बाकन महाराष्ट्र के परभणी जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता एक किसान हैं और उनकी मां एक हाउसवाइफ हैं. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने मुंबई में इंस्टीट्यूट ऑफ कैमिकल टेक्नोलॉजी (ICT) में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.


बाकन अपने गांव के पहले इंजीनियर थे, जिसके बाद वे हिंदुस्तान पेट्रोलियम में शामिल हो गए क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उनके पिता ने उनकी पढ़ाई के लिए कर्ज लिया था.


हालांकि, उन्होंने नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने किसी कोचिंग संस्थान में एडमिशन नहीं लिया और केवल सेल्फ स्टडी की. उन्होंने एक नगर पालिका सरकारी लाइब्रेरी में प्रवेश लिया और वहां पढ़ाई की. उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2016 में सिविल सेवा परीक्षा को पास कर लिया.


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