UPSC Success Story: केरल के पथानामथिट्टा से एक साधारण परिवार से संबंध रखने वाले आशीष के लिए पहली चुनौती थी कि वो कमाना शुरू कर दें. उनके पिता की एक छोटी दी दुकान थी, जिससे शायद ही घर खर्च और पढ़ाई का खर्चा निकल पाता था. इसलिए मां ने भी एक स्कूल में आया की नौकरी करनी शुरू कर दी. स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद आशीष (IAS Ashish Das) ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया. तब तक वो यूपीएससी (UPSC) का सपना देखने लगे थे और तैयारी करने की सोच भी रहे थे, लेकिन घर की हालत को देखते हुए उन्होंने अपने सपने को साइड में रखा और एक होटल में वेटर की नौकरी करने लगे. इसके बाद उन्होंने एग्जाम दिया और फायरमैन के लिए इन्हें अग्निश्मन विभाग में चुन लिया गया.


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एक तरफ नौकरी और दूसरी तरफ ये तैयारी, ये आशीष के लिए आसान नहीं था, लेकिन मेहनत के दम पर उन्होंने ये मुकाम हासिल कर ही लिया. आशीष ने अपने सपने को साइड में भले ही रखा था, लेकिन उसे मरने कभी नहीं दिया. जो सपना अभी तक अधूरा था, उसे पूरा करने के लिए वो एक बार फिर से जुट गए. इसी बीच उनकी शादी भी हो गई, लेकिन आशीष चुपचाप अपने सपने को पूरा करने में जुटे रहे.


इतनी मुसीबतों को झेलने के बाद भी उनके सामने कठिनाइयां कम नहीं हुईं. इसी दौर में कोरोना जैसी महामारी आ गई और उन्हें सैनिटाइजेशन के लिए लगातार ड्यूटी पर रहना पड़ा, हालांकि अपने काम और पढ़ाई को उन्होंने हमेशा अलग रखा. कभी भी काम के कर्तव्य के बीच अपनी पढ़ाई को उन्होंने आने नहीं दिया.


आ गया रिजल्ट: एक दिन जब वो अपनी सैनिटाइजेशन के लिए निकल रहे थे, तभी यूपीएससी का रिजल्ट आ गया. आशीष (IAS Ashish Das) इस परीक्षा को क्लियर कर चुके थे. यूपीएससी निकालने के बाद भी आशीष में कोई बदलाव नहीं आया. वो नौकरी पर उसी तरह से जाते रहे जैसे पहले जाते थे. फायरमैन की नौकरी के आखिरी दिन भी उन्होंने पूरा काम किया था.


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