Richter Scale: दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. 3 नवंबर को रात 11:35 पर उत्तर भारत की धरती हिल गई. जानकारी के मुताबिक रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.4 थी. बता दें कि एक महीने में दिल्ली एनसीआर रीजन में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप का केंद्र नेपाल था.


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नेपाल में अक्सर ही भूकंप का खतरा बना रहता है. इससे वहां भारी तबाही भी मचती है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है. क्या आप जानते हैं कि रिक्टर स्केल किसने बनाया था? अगर नहीं तो आज हम इस आर्टिकल के जरिए जानेंगे कि रिक्टर स्केल किसने बनाया बनाया था. साथ ही यह भी जानेंगे कि भूकंप के केंद्र के बारे में कैसे पता लगाया जाता है. 


दरअसल, धरती के अंदर कई प्लेट्स होती हैं जो समय-समय पर विस्थापित होती रहती हैं. इस सिद्धांत को प्लेट टेक्टोनिक्स और हिंदी में प्लेट विवर्तनिकी कहा जाता हैं. इसके अनुसार पृथ्वी की ऊपरी परत लगभग 80-100 किलोमीटर मोटी होती है, जिसे स्थल मंडल कहते हैं. इस भाग में कई टुकड़ों में टूटी हुई प्लेटें होती हैं जो तैरती रहती हैं. भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है.


क्यों आते हैं भूकंप ?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं. इस दौरान ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है. इनके आपस में टकराने की वजह से इनकी सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है. प्लेट्स के टूटने के बाद बहुत ज्यादा ऊर्जा बनती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता खोजती हैं, जिसके कारण धरती पर भूचाल आता है. 


ऐसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता 
रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है, जिसे 4 अलग-अलग जोन में बांटा गया है. मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के मुताबिक इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है. जोन-5 सबसे ज्यादा संवेदनशील और जोन-2 सबसे कम संवेदनशील होता है. 


भूंकप के खतरे के हिसाब से भारत को इस तरह से 4 जोन में विभाजित किया गया है. जोन-2 में साउथ इंडिया के एरिया आते हैं, जो सबसे कम खतरे वाले हैं. जोन-3 में मध्य भारत, जोन-4 में दिल्ली समेत उत्तर भारत का तराई क्षेत्र, जोन-5 में हिमालय, पूर्वोत्तर क्षेत्र और कच्छ हैं, जो सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं.


किसने बनाया था रिक्टर पैमाना?
अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और भूकंपविज्ञानी चार्ल्स फ्रांसिस ने ही भूकंप परिमाण को मापने के लिए रिक्टर पैमाना विकसित किया था. चार्ल्स फ्रांसिस रिक्टर ने जर्मन मूल के कैलटेक प्रोफेसर बेनो गटनबर्ग के साथ मिलकर रिक्टर पैमाना विकसित किया था. . फ्रांसिस रिक्टर ने अमेरिका में भूकंप-प्रवण क्षेत्रों की मैपिंग करने के साथ ही इस पर कई रिसर्च पेपर भी लिखे थे.