IAS Motivational Story: जीवन में हर कोई एक बार भयानक पैच से गुजरता है. आईएएस बनने की राह देख रहीं कोमल गनात्रा भी जीवन के एक भयानक दौर से गुज़री थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आईआरएस अधिकारी बनने में कामयाब रहीं. कोमल का जन्म 19 जनवरी 1981 को हुआ था. कोमल गुजरात के सावरकुंडला शहर की रहने वाली हैं. कोमल की शादी न्यूजीलैंड के रहने वाले एक शख्स से साल 2008 में हुई थी. वह शख्स उस वक्त बिजनेसमैन था. जल्द ही, उनके ससुराल वालों ने दहेज मांगना शुरू कर दिया और मांगे गए दहेज को नहीं देने पर उसे बाहर निकाल दिया. कोमल ने 2012 में UPSC क्लियर एग्जाम क्लियर किया था. इस एग्जाम में उन्हें 591 रैंक हासिल की थी.


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उनका पति उन्हें छोड़कर न्यूजीलैंड चला गया था ताकि फिर कभी न दिखे. कमला ने सोचा था कि उन्होंने सबकुछ खो दिया है लेकिन उनकी परवरिश ने उन्हें इतनी आसानी से छोड़ने नहीं दिया.


एक इंटरव्यू में कोमल ने बताया था कि उनके पिता ने उन्हें यूपीएससी का सपना दिखाया था. पिता चाहते थे कि वह यूपीएससी क्लियर करें. इसलिए जब भी वह यूपीएससी के बारे में सोचती थीं तो उनके सामने पिता का सपना आ जाता था. इससे बहुत हिम्मत मिली. आखिरकार मैं इस परीक्षा को क्लियर करने में कामयाब भी हो गई.


ग्रेजुएशन के बाद उनकी शादी एक NRI से हो गई थी. इस दौरान उन्होंने गुजरात पब्लिक सर्विस कमिशन का का मेन्स भी क्लियर कर लिया था. उनके पति नहीं चाहते थे कि वह जीपीएससी का इंटरव्यू दें क्योंकि वो मुझे अपने साथ लेकर जाना चाहते थे. इसलिए इंटरव्यू छोड़ दिया. वो 15 दिन बाद ही छोड़कर अकेले न्यूजीलैंड चले गए. इसके बाद वह कभी वापस लौटकर नहीं आए.


आधा महीने में ही शादी के टूटने और लोगों के ताने सुनकर कोमल पूरी तरह से टूट चुकी थी. ऐसे में उन्होंने अपने मायके से दूर जाकर रहने का फैसला किया. कोमल अपने मायके से करीब 40 किलोमीटर दूर एक गांव में आकर रहने लगी. यहां रहते हुए कोमल ने अपने इसी दुख को अपनी ताकत बनाया और फिर से किताबों का रुख करते हुए यूपीएससी की तैयारी में जुट गई.


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