IAS Officer Anupama Anjali Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा (UPSC Exam) को पास करना बहुत कठिन होता है और इसके लिए कड़ी मेहनत के साथ ही सकारात्मक सोच रखने की जरूरत होती है. आईएएस अफसर अनुपमा अंजलि (Anupama Anjali) ने भी खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखकर यूपीएससी का सफर पूरा किया. एक बार फेल होने के बाद अनुपमा अंजलि ने दूसरी बार में सफलता हासिल की और उनकी कहानी उन स्टूडेंट्स के लिए प्रेरक है, जो यूपीएससी को पास करना चाहते हैं.


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अनुपमा अंजलि (Anupama Anjali) ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की और इसके बाद यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की, लेकिन पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरी बार एग्जाम देने का फैसला किया.


2018 में पूरा हुआ सपना
पहले प्रयास में असफलता के बाद अनुपमा अंजलि (Anupama Anjali) ने खुद को मेंटली और फिजिकली दोनों तरह से फिट रखा. साल 2018 के यूपीएससी एग्जाम में कामयाबी हासिल की और ऑल इंडिया में 386वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया. 


तैयारी करने वालों की मदद की 
अनुपमा को यूपीएससी क्लियर करने के बाद आंध्र प्रदेश कैडर मिला था और उनकी पहली पोस्टिंग गुंटूर जिले की जॉइंट कलेक्टर के रूप में हुई. अनुपमा अपने जिले में गरीब बच्चों की मदद करती हैं और यूपीएससी क्लियर करने की इच्छा रखने वालों को तैयारी की सलाह भी देती हैं.


ऐसे सीखा कैसे करें हेल्प
DNA की रिपोर्ट के अनुसार, अनुपमा अंजलि (Anupama Anjali) के पिता एक आईपीएस अफसर हैं. अनुपमा ने कहा कि मैं अपने पिता और दादा के साथ बातचीत करते हुए बड़ी हुई हूं, जो दोनों सिविल सेवक थे. उनके साथ रहकर मैंने महसूस किया कि वे कैसे अपने आसपास के लोगों की मदद कर सकते हैं और कैसे वे बहुत महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं. यूपीएससी में करियर बनाने के लिए यह मेरे लिए प्रेरणा बन गया.


ऐसे शुरू होता था दिन
अनुपमा अंजलि (Anupama Anjali) यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के दौरान रोज सुबह मेडिटेशन करने के बाद ही दिन शुरू करती थीं. उनका कहना है कि आपका दिन कितना भी हेक्टिक होने वाला हो पर सुबह के कुछ घंटे यानी दिन की शुरुआत ठीक से करें. मेडिटेशन के बाद अनुपमा चाय के साथ अकेले बैठकर सेल्फ टॉक करती थीं और खुद को मोटिवेटेड रखने की कोशिश करती थीं. 


20 मिनट की वॉक ही काफी है
इसके अलावा वह फिजिकल एक्सरसाइज भी करती थीं. उनका कहना है कि कई बार स्टूडेंट्स दिन के 12-12 घंटे पढ़ने में अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को इग्नोर कर देते हैं. सच तो यह है कि दिन की 20 मिनट की वॉक भी आपमें वो ताजगी भर देगी कि आप सोच भी नहीं सकते.