IIT Delhi Admission: देश के सबसे प्रतिष्ठित और टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (IIT Delhi) है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के इच्छुक हर भारतीय स्टूडेंट्स का सपना होता है यहां पर एडमिशन लेने का. आईआईटी दिल्ली में दाखिला लेने के लिए छात्र इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (JEE) में हाई रैंक हासिल करने के लिए अथक मेहनत भी करते हैं.

 

यहां एडमिशन पाने के लिए होड़ मची रहती है, लेकिन यहां एक कोर्स ऐसा भी है, जिसके लिए छात्रों की लाइन लगना तो दूर की बात जितनी सीटें है वो भी फुल नहीं हो पाती. आइए आज इसके बारे में जानते हैं.

 

आईआईटी दिल्ली में जिस कोर्स की सीटें खाली रह रही हैं, वह बीटेक टेक्सटाइल इंजीनियरिंग का कोर्स है. आईआईटी दिल्ली देश का टॉप इंजीनियरिंग संस्थान है. ऐसे में यहां पर सीटों का खाली रह जाना बहुत ही हैरानी भरा लगता है. जानकारी के मुताबिक बीटेक टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के पिछले 5 साल के डेटा को खंगालने पर यह बात सामने आई है. ये आंकड़ें साफ कहते हैं कि ये कोर्स छात्रों के बीच बिल्कुल भी पॉपुलर नहीं है.

एकेडमिक ईयर कुल सीटें एडमिशन

2017-18          105          104

2018-19          105          104

2019-20          120          116

2020-21          116          111

2021-22          116          95

 

खाली सीटों के आंकड़ें

इंस्टीट्यूट की सालाना रिपोर्ट के अनुसार एकेडमिक ईयर 2017-18 से 2021-22 के बीच टेक्सटाइल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में जेईई एडवांस के जरिए दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या कम हो गई है. हालांकि, इस कोर्स में छात्रों की लगातार कम होती संख्या बहुत मामूली है, लेकिन जब इसे अनुपात के आधार पर देखें तो ये गिरावट  बहुत चिंताजनक है. क्योंकि इस कोर्स के लिए स्वीकृत सीटों की कुल संख्या में इजाफा हुआ है, जबकि हर साल खाली सीटों की संख्या बढ़ती रही है.

 

ये है सीटें खाली रहने की वजह

आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर एसएम इश्तियाक का कहना है कि, "आमतौर पर आईआईटी दिल्ली को चुनने वाले स्टडेंट्स की सबसे कम प्राथमिकता टेक्सटाइल और बायोमेडिकल कोर्स होता है."उन्होंने बताया कि, "यहां प्रावधान है कि अगर कोई स्टूडेंट फर्स्ट ईयर में अच्छा परफॉर्म करता है, तो वह अपना डिपार्टमेंट चेंज कर सकता है. ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स ज्यादा डिमांड वाली ब्रांच में चले जाते हैं."