Railway Stations Name Yellow Board: रेलवे स्टेशन तो देखा ही होगा और हो सकता है कि ट्रेन में सफर भी किया हो. तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि रेलवे स्टेशन पर जो बोर्ड लगे होते हैं उन सभी का रंग पीला ही क्यों होता है. वह लाल, हरे या फिर किसी और रंग के क्यों नहीं होते हैं. 


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भारत में ट्रेन को यात्रा का सबसे सस्ता और अच्छा साधन माना जाता है. इससे रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. भारत में रेलवे का इतिहास बहुत पुराना है. दुनिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म का ताज भी इंडियन रेलवे के ही नाम है. रेलवे भारत में सिर्फ लोगों को ही नहीं माल ढु़लाई के लिए भी सबसे अच्छे साधनों में से एक है. यह माल ढुलाई का भी अच्छा साधन है. रेलवे देशभर में लाखों लोगों को रोजगार देता है.


तो चलिए बात करते हैं रेलवे स्टेशन के पीले बोर्ड के बारे में. रेलवे स्टेशन पर जब भी आप गए होंगे तो आपने देखा होगा कि वहां जितने भी बोर्ड मौजूद हैं वो सब पीले रंगे के होंगे और उनपर काले रंग से ही कुछ भी लिखा गया होगा. दरअसल पीला रंग दिन हो या रात दोनों में साफ नजर आता है. पीले रंग पर काले अक्षरों से लिखा ना आसानी से और दूर से नजर आ जाता है. इसलिए पीले रंग के बोर्ड पर काले रंग से लिखा जाता है. 


इसके अलावा पीले रंग को बारिश कोहरा या धूप में भी पहचाना जा सकता है. इसके अलावा पीले रंग को बारिश कोहरा या धूप में भी पहचाना जा सकता है. प्लेटफॉर्म पर लगा पीले रंग का बोर्ड लोको पायलट को दूर से ही दिख जाता है और वो उस हिसाब से ट्रेन की स्पीड तय कर लेता है. लाल रंग के बाद पीले रंग की वेवलेंथ ही सबसे ज्यादा होती है. पीले रंग का लैटरल पेरीफेरल विजन लाल रंग की तुलना में लगभग 1.24 गुना ज्यादा होता है.


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