IPS Manoj Rawat: जब किसी काम को करने की ठान ली जाए तो फिर कितनी ही बाधाएं क्यों न आ जाएं आप किसी से पीछे नहीं हटते. आपके अंदर उस काम को करने का जूनून होता है. आज हम आपको एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी बता रहे हैं जिसमें आईपीएस मनोज रावत ने तय कर लिया था कि उनको आईपीएस बनना है. इसके लिए उन्होंने 4 सरकारी नौकरियां छोड़ दीं. IPS मनोज रावत राजस्थान के जयपुर के एक गांव श्यामपुरा के रहने वाले हैं. उनके पापा एक प्राइवेट टीचर और मां होममेकर हैं. मनोज तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं. साल 2008 में उनके पिता की नौकरी जाने के बाद घर की जिम्मेदारियां मनोज रावत के कंधों पर आ गई थीं.


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उस समय पुलिस कॉन्स्टेबल की नौकरी निकली हुई थीं, जिसके लिए मनोज ने अप्लाई किया. अपने दूसरे प्रयास में उन्हें यह नौकरी मिल भी गई, लेकिन उन्होंने आगे सीढ़ियां चढ़ने का सफर जारी रखा. 19 साल की उम्र में राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी के साथ वह पॉलिटिकल साइंस में एमए की पढ़ाई भी करते रहे. 2013 में कोर्ट में क्लर्क की नौकरी मिलने पर उन्होंने कॉन्स्टेबल के पद से इस्तीफा दे दिया था.


कोर्ट में नौकरी के साथ भी मनोज ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. सिविल सर्विस एग्जाम (Civil Service Exam) की तैयारी के दौरान उन्हें CISF की नौकरी का अवसर मिला था, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया था. वह अपने टारगेट को लेकर बहुत क्लीयर थे. उन्हें आईपीएस बनना था और इसीलिए उन्होंने सरकारी नौकरी मिलने के बाद भी अपनी तैयारी जारी रखी.


मनोज रावत ने 2014 और 2015 में प्रीलिम्स परीक्षा पास कर ली थी लेकिन मेन्स में चूक गए थे. साल 2017 में यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) पास कर उन्हें आईआरएस के पद पर सरकारी नौकरी मिली थी, लेकिन उन्होंने तय कर रखा था कि उन्हें सिर्फ IPS बनना है, इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार साल 2019 में वह आईपीएस ऑफिसर बन गए. मनोज ने बचपन में सनी देओल की बॉलीवुड फिल्म 'इंडियन' देखी थी. तब से ही उन्होंने IPS ऑफिसर बनने का फैसला ले लिया था. सिर्फ इसी वजह से वह कहीं और रुके ही नहीं. 


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