IPS Shalini Agnihotri: एक बार शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) अपनी मां के साथ बस में यात्रा कर रही थीं. यात्रा के दौरान एक व्यक्ति ने शालिनी मां की सीट के पीछे हाथ रखा था, जिससे वह ठीक से बैठ नहीं पा रही थीं. शालिनी ने कई बार उस आदमी से अपना हाथ हटाने को कहा लेकिन उसने उसकी एक न सुनी और गुस्सा हो गया. तब उस शख्स ने शालिनी से कहा कि चाहे वह कहीं की डीसी क्यों न हो वह उसकी बात नहीं मानेगा. उसी समय शालिनी ने फैसला किया कि वह भविष्य में अधिकारी बनेंगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

10वीं 12वीं में आए थे इतने नंबर


शालिनी अग्निहोत्री (IPS Shalini Agnihotri)  के कक्षा 10 की परीक्षा में 92 फीसदी नंबरों आए थे लेकिन कक्षा 12 की परीक्षा में केवल 77 फीसदी नंबर ही रह गए. हालांकि उनके माता-पिता ने उनका सपोर्ट किया और उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया. शालिनी अग्निहोत्री ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी.


माता पिता को नहीं थी UPSC की तैयारी की जानकारी


शालिनी अग्निहोत्री ने अपने माता-पिता को यूपीएससी की तैयारी के बारे में सूचित नहीं किया और उन्होंने यूपीएससी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. शालिनी के पिता रमेश अग्निहोत्री एक बस कंडक्टर थे लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाई. शालिनी की बड़ी बहन डॉक्टर हैं और उनका भाई आर्मी में है.


2012 में आई थी गुड न्यूज


शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) ने मई 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दी और 2012 में इंटरव्यू का रिजल्ट भी आ गया. शालिनी ने ऑल इंडिया में 285 वीं रैंक हासिल की और उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) चुनी.ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) की पहली पोस्टिंग हिमाचल में हुई और उन्होंने कुल्लू में पुलिस अधीक्षक का पदभार संभाला था.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर