Jodhpur SDM Priyanka Bishnoi Death: जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की एक प्राइवेट अस्पताल में 15 दिन तक इलाज के बाद मौत हो गई. प्रियंका के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में कथित लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने जिला कलेक्टर से मामले की जांच की मांग की है. परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान उन्हें एनेस्थीसिया की हाई डोज दी गई, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई. 


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रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियंका को पेट दर्द की शिकायत थी और वह एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रही थीं. करीब 20 दिन पहले जयपुर के वसुंधरा अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें अहमदाबाद के अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. 


जिला प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है और मेडिकल लापरवाही के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. प्रियंका बिश्नोई के परिजनों की मांग के बाद जोधपुर के डीएम गौरव अग्रवाल ने एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन को मामले की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी गठित करने और तीन दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.


कौन थीं प्रियंका बिश्नोई? 
36 वर्षीय राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) अधिकारी प्रियंका बिश्नोई जोधपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर तैनात थीं. वह 2016 आरएएस बैच की अधिकारी थीं. उनका जन्म 8 अगस्त 1981 को बीकानेर में हुआ था. उनके पिता वकील हैं और उनकी शादी एक्साइज इंस्पेक्टर विक्रम बिश्नोई से हुई थी. प्रियंका अक्सर ड्यूटी के दौरान राजस्थान की पारंपरिक पोशाक में नजर आती थीं. 15 अगस्त को उनके जनसेवा कार्यों के लिए राजस्थान सरकार ने उन्हें सम्मानित किया था.


आरोपों पर अस्पताल की प्रतिक्रिया
परिवार के आरोपों पर वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों ने सभी आरोपों को नकार दिया है. डॉक्टरों ने कहा कि उनके इलाज में कोई मेडिकल कॉम्पलिकेशन नहीं थी, लेकिन जांच के दौरान उनके दिमाग में एक समस्या का पता चला था, जिसके खतरनाक और जानलेवा साइड इफेक्ट हो सकते थे. डॉक्टरों ने कहा, सर्जरी से पहले वह तनाव में थीं, जिसका सीटी स्कैन में भी पता चला.


राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने भी जोधपुर एसडीएम प्रियंका बिश्नोई के निधन पर दुख जताया है. भजनलाल शर्मा ने ट्वीट किया, "राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रियंका बिश्नोई जी का निधन अत्यंत दुखद है. मैं भगवान श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार के सदस्यों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें."