Indian Railways Booking IRCTC: भारत में जब यात्रा की बात आती है और वो भी सस्ते में लंबी और आरामदायक यात्रा तो इसका सिर्फ एक ही साधन है और वो है इंडियन रेलवे. क्योंकि जितने रुपये में रेलवे एसी का टिकट दे देता है उतने का तो बस में बिना एसी का भी नहीं आएगा. और ट्रेन में तो सोने के लिए पूरी बर्थ मिलती है. लेकिन कई बार ऐसा लगता है कि इंडियन रेलवे किसी सर्विस के पैसे ज्यादा ले रहा है. आज हम आपके इस कन्फ्यूजन को क्लियर करने वाले हैं. 


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ट्रेन का टिकट खरीदते वक्त आपके पास कई आप्शन होंगे की आप एसी कोच (AC Coach) में सफर करें या फिर स्लीपर कोच (Sleeper Caoch) में. हालांकि, जब सर्दियों का समय होता है तो लोग एसी कोच  के बजाय स्लीपर कोच में ही सफर करना पसंद करते हैं और साथ ही इससे उनके पैसे भी बचते हैं. लेकिन इसी बीच क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि रेलवे सर्दियों में AC तो नहीं चलाता पर फिर भी उसका चार्ज हमसे क्यों लेता है. इसके अलावा हम बिना कोई सवाल किए उसका चार्ज क्यों दे देते हैं? अगर आप इस सवाल का जवाब नहीं जानते तो कोई बात नहीं. आज हम आपको इसके पीछे का राज भी बता देंगे.


ये तो हम सब जानते ही हैं कि ट्रेन के AC Coach में लगे Air Condition System का इस्तेमाल गर्मी के मौसम में कोच को ठंडा रखने के लिए किया जाता है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उसी एसी का इस्तेमाल सर्दियों के मौसम में कोच को गर्म रखने के लिए भी किया जाता है. जहां गर्मियों के मौसम में बाहर का तापमान करीब 40 से 45 डिग्री होता है, वहीं एसी कोच का तापमान 20 से 25 डिग्री के बीच रखा जाता है.


इसी तरह सर्दियों में जहां बाहर का टेंपरेचर 6 से 10 डिग्री के बीच होता है, उस समय ट्रेन के एसी कोच का तापमान 17 से 21 डिग्री के बीच रखा जाता है. इस तरह सर्दियों में ट्रेन का एसी ब्लोअर का काम करता है और इसीलिए इसका चार्ज लिया जाता है.


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