Election 2023: भारतीय नागरिकों को कई अधिकर दिए गए हैं. वोटिंग हर भारतीय का अधिकार है. सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है कि वोटिंग दर में लगातार इजाफा हो, ताकि कोई भी व्यक्ति अपने अधिकार से वंचित न रहे. देश को आजाद होने को 70 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन आज भी भारत की कई जगहें ऐसी हैं, जहां मतदान नहीं होता है.


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हालांकि, देश में अब भी कई देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इनमें से एक राज्य ऐसा भी है जहां के कई गांवों में आज तक वोट नहीं डाले गए. इस राज्य में कई ऐसे इलाके हैं, जो बहुत ज्यादा सेंसिटिव माने जाते हैं. यहां वोटिंग कराना चुनाव आयोग के लिए अपने आप में एक बड़ी चुनौती होती है.


विकास की दृष्टि से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ अब भी देश के कई राज्यों से काफी पीछे हैं. प्रदेश में ही कुछ ऐसे इलाके भी हैं, जहां आज तक कभी मतदान नहीं हुआ है. दरअसल, इन क्षेत्रों में वोटिंग न होने का कारण है कि यहां नक्सली एरिया हैं. नक्सलियों के कारण यहां वोटिंग नहीं हो पाई. ऐसे में यहां की वोटिंग को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाता था.


पहली बार हो रही वोटिंग
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां लोगों ने आज तक वोट नहीं डाला है. अच्छी बात यह है कि इस बार इनमें से कई गांवों में पहली बार मतदान होगा. ऐसे लोग जिन्हें मतदान करना होता था, उन्हें कई किलोमीटर दूर स्थित मतदान केंद्रों तक पैदल चलकर वोटिंग करने जाना था.


पिछले 70 साल से कभी नहीं डाला गया वोट 
नक्सलियों के खतरे के बीच ऐसे कई गांवों में मतदान केंद्र बनाए गए हैं. छत्तीसगढ़ के चांदामेटा जैसे गांव में भी अब पहली बार वोटिंग होगी. इसके लिए कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. हालांकि, इन इलाकों में नक्सली अब भी वोटिंग का विरोध कर रहे हैं.