IPS Neha Yadav: कई बार ऐसा होता है कि आप किसी काम को करना नहीं चाहते लेकिन किसी मोड़ पर आकर ऐसा महसूस होता है कि आपको तो सिर्फ यही होना था अभी जो आप हैं उसका कोई मतलब नहीं है. कुछ ऐसी ही कहानी है आईपीएस नेहा यादव (IPS Neha Yadav) की. नेहा के पिता टीचर थे और मां हाउस वाइफ थीं. पिता के टीचर पेशे से बेटी को इतना प्यार हो गया, उसने इसी को मंजिल बनाने की चाहत पाल ली. नेहा ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद जेएनयू में पढ़ने के लिए चली गईं. जहां उन्होंने आगे की पढ़ाई की.


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पश्चिमी दिल्ली में पैदा हुईं नेहा के पिता सरकारी टीचर थे. बचपन वेस्ट दिल्ली की गलियों में ही गुजरा. यहीं से उनकी शुरूआती पढ़ाई-लिखाई हुई. स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद नेहा ने इकॉनॉमिक्स की पढ़ाई के लिए जेएनयू में एडमिशन ले लिया. यहां से जब डिग्री लेकर नेहा निकलीं तो उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की नौकरी मिल गई.


लगभग दो साल नेहा ने यहां नौकरी की, लेकिन एक दिन नेहा का सामना भ्रष्टाचार से हो गया. फिर क्या था शिक्षक की इस प्रोफेसर बेटी ने तय कर लिया कि वो पुलिस अधिकारी बनेगी. यहीं से नेहा ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. नेहा के पिता को जब पता चला कि बेटी पुलिस अधिकारी बनना चाहती तो वो नाराज हो गए, लेकिन मां, बेटी के इस फैसले के साथ थीं. हालांकि पिता की नाराजगी भी जल्द ही दूर हो गई. नेहा जी जान से यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं, फिर वो दिन आ गया जिसका इंतजार नेहा को था.


2015 में नेहा ने यूपीएससी (UPSC) क्लीयर कर लिया और उसे एजीएमयूटी कैडर (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और यूनियन टेरेटरीज कैडर) के लिए चुन लिया गया. नेहा यूपीएससी में आईपीएस के लिए चुनी गईं थीं. 


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