UP Assistant Teacher Recruitment: यूपी में जब शिक्षक भर्ती आती है तो उसके लिए लाखों कैंडिडेट्स आवेदन करते हैं. असिस्टेंट शिक्षक भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया है. आदेश में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि यूपी में असिस्टेंट टीचर्स की भर्ती के लिए बीएड वाले कैंडिडेट्स पात्र हैं या नहीं हैं इस पर जल्दी फैसला लिया जाए. लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक इस संबंध में राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा एक पत्र भी भेजा गया था. इस पत्र में एनसीटीई ने सभी स्टेट गवर्मेंट को सुप्रीम कोर्ट के देवेश शर्मा मामले के मुताबिक कार्यवाही करने का निर्देश दिया. 


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आपको बता दें कि देवेश शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई के उस नोटिफिकेशन को राइट टू एजुकेशन के कानून के विपरीत बताया था, जिसके तहत बीएड को असिस्टेंट टीचर बनने की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन में शामिल किया गया था. न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने श्याम बाबू और 312 अन्य की याचिक पर सुनवाई करते हुए स्टेट गवर्मेंट को आदेश दिया है.


कोर्ट की तरफ से अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया गया है कि मामला हमारे सामने नहीं है कि यूपी गवर्मेंट ने 4 सितंबर 2023 को एनसीटीई के लेटर के अनुपालन में कार्रवाई करने से मना कर दिया है. इसलिए अभी नियमों की वैधता को चुनौती देने का औचित्य नहीं है. 


पेपर न देने वाले और फेल कैंडिडेट्स भी हुए थे पास
शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी का एक मामला कोर्ट में चल रहा है. यह मामले है कि 13 अगस्त 2018 को जो शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी किया गया था उसमें गड़बड़ी थी कि इसमें 2 ऐसे कैंडिडेट्स को पास कर दिया गया था जिन्होंने एग्जाम ही नहीं दिया था, और 23 कैंडिडेट्स ऐसे थे जो एग्जाम में फेल हुए थे उन्हें भी पास कर दिया गया था. जब इस बात का पता चला तो कुछ कैंडिडेट्स ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं. अब इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि हाईकोर्ट की सिंगल बैंच के आदेश पर CBI में दर्ज एफआईआर का स्टेटस क्या है? इस पर सुनवाई अब जनवरी में होगी.