Lipi Singh: बिहार की `लेडी सिंघम`, बाहुबली अनंत सिंह को सिखा चुकी हैं सबक; अब इस वजह से हो रही चर्चा
IPS officer Lipi Singh: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जनता दल यूनाइटेड (JDU) छोड़ दी. इसके कुछ घंटे पहले यह खबर आई थी कि पार्टी ने कुछ अज्ञात कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. आसीपी सिंह पर साल 2013 से 2022 के बीच अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है और कहा जा रहा है कि उन्होंने 9 सालों में आपको परिवार के नाम पर 58 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई है. आरसीपी सिंह पर लगाए गए आरोपों के बीच उनकी आईपीएस बेटी लिपि सिंह भी चर्चा में हैं और आरोप लगाए जा रहे हैं कि जमीन के खरीददारों में लिपि सिंह का भी नाम है.
हमेशा अपने काम की वजह से चर्चा में रहने वाली लिपि सिंह (Lipi Singh) इस बार किसी और कारण चर्चा में हैं, लेकिन उनका नाम एक ऐसे आईपीएस अधिकारी के रूप में जाना जाता है, जिनसे अपराधी खौफ खाते हैं. बिहार के नालंदा जिले की रहने वाली लिपि सिंह 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें बिहार की लेडी सिंघम के नाम से भी जाना जाता है.
लिपि सिंह (Lipi Singh) ने साल 2015 में सिविल सर्विसेज का एग्जाम (Civil Services Exam) क्वालिफाई किया था, जिसमें ऑल इंडिया में उनकी 114 रैंक थी. ट्रेनिंग के बाद लिपि सिंह को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार कैडर अलॉट किया और वह नालंदा जिले की पहली महिला IPS अधिकारी बनीं.
लिपि सिंह (Lipi Singh) को एक बेखौफ अफसर के रूप में जाना जाता है और वह बाहुबली नेता अनंत सिंह (Anant Singh) को भी सबक सिखा चुकी हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, लिपि सिंह की पहली पोस्टिंग पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) के तौर पर हुई थी, जो अनंत सिंह का इलाका था. एएसपी के पद पर काम करते हुए लिपि सिंह ने अनंत सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी और उन्हें जेल भिजवाया था.
अनंत सिंह (Anant Singh) पर कार्रवाई के बाद लिपि सिंह (Lipi Singh) चर्चा में आ गई थीं और उनको बिहार की 'लेडी सिंघम' (Lady Singham of Bihar) कहा जाने लगा. इस घटना के बाद लिपि सिंह को प्रमोशन मिला और मुंगेर की एसपी बनाई गईं.
लिपि सिंह (Lipi Singh) अपने काम के अलावा विवादों की वजह से भी चर्चा में रही हैं और साल 2020 में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान भीड़ पर पुलिसिया कार्रवाई को लेकर वह लोगों के निशाने पर आ गई थीं. मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद 20 साल के एक शख्स की मौत हो गई और पुलिस पर फायरिंग करने का आरोप लगा, लेकिन पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि शख्स को गोली भीड़ में ही मौजूद किसी अराजक तत्व ने मारी. उस दौरान बिहार में विधान सभा चुनाव चल रहा था और इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने एसपी लिपि सिंह पर सख्त कदम उठाते हुए हटा दिया था. इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर लिपि सिंह को ट्रोल करना शुरू कर दिया और उनकी तुलना जलियांवाला बाग में गोली चलाने का आदेश देने वाले अंग्रेज अफसर 'जनरल डायर' से कर दी थी.
लिपि सिंह (Lipi Singh) के पति सुहर्ष भगत (Suharsha Bhagat) 2015 बैच के आईएएस अफसर है और वर्तमान में बांका के जिलाधिकारी हैं. वहीं, लिपि सिंह के पिता आरसीपी सिंह (RCP Singh) भी आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. 1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह ने साल 2010 में वीआरएस (VRS) ले ली थी और जेडीयू में शामिल हो गए थे. इसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें राज्य सभा भेज दिया था.