नर्सिंग में PhD करने वाली राजस्थान की नर्सें चाहती हैं `डॉक्टर` की उपाधि लगाने की मंजूरी, सरकार ने किया इनकार
Rajasthan Nurses: राजस्थान की नर्सें डॉक्टरेट कार्यक्रम पूरा करने के बाद `डॉ` की उपाधि का उपयोग करने के लिए राज्य सरकार से परमिशन मांग रही हैं. इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा, जिसे स्वास्थ्य विभाग ने खारिज कर दिया.
Rajasthan Health Department News: राजस्थान में हेल्थ डिपार्टमेंट से जुड़ा मामला सुर्खियों में है. बता दें कि सरकार ने पीएचडी (Phd) का पढ़ाई कंप्लीट करने वाली नर्सों को 'डॉ' की उपाधि लगाने के लिए इनकार कर दिया है. सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में काम करने वाली नर्सें राज्य सरकार की इस स्थिति से बेहद निराश और हताश हैं. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला...
दरअसल, राजस्थान की तीन नर्सों ने नर्सिंग में पीएचडी कार्यक्रम पूरा करने के बाद 'डॉ' की उपाधि का उपयोग करने की मंजूरी देने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था. हाल ही में इस प्रस्ताव को राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने खारिज कर दिया.
स्वास्थ्य विभाग ने खारिज किया नर्सों का प्रपोजल
कई नर्सें राज्य में अनुसंधान में रुचि दिखा रही हैं और अपने डॉक्टरेट कार्यक्रम पूरा करने के बाद वे अपने नाम के आगे'डॉ' की उपाधि का लगाने के लिए परमिशन मांग रही हैं, जिसके लिए पीएडी की डिग्री हासिल कर चुकी तीन नर्सों ने राज्य सरकार को प्रपोजल भेजा गया था.
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (अराजपत्रित) ने 8 फरवरी 2024 को नर्सों को इसका जवाब दिया. हेल्थ विभान ने यह कहा कि प्रशासनिक विभाग ने स्वास्थ्य विभाग में तैनात नर्सों को 'डॉ' की उपाधि का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, भले ही उन्होंने नर्सिंग में पीएचडी पूरी कर ली हो.
जानिए क्या कहना है सरकारी नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल का
जयपुर में सरकारी कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्रिंसिपल जोगेंद्र शर्मा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई बातचीत में बताया, "नर्सें नर्सिंग में पीएचडी पूरी करने के बाद उपाधि के रूप में 'डॉ' का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन सरकारी क्षेत्र में यह आसान नहीं है. यह पूरा नाम बदलने जैसा है." उन्होंने कहा "इसमें प्रक्रिया का पालन किया जाता है और इसे केवल राजपत्र मानदंडों के माध्यम से बदला जाता है."