Sun Size: आपने सुबह या शाम के वक्त सूरज को बड़े रूप में देखा होगा. यह नजारा अक्सर ऐसा महसूस कराता है जैसे सूरज का आकार बढ़ गया हो, क्या सच में सुबह और शाम को सूरज बड़ा हो जाता है. जानिए आखिर क्या है इसे पीछे साइंस
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Sun Appear Bigger In Morning And Evening: सुबह या शाम के समय सूरज विशाल दिखाई देता है. यह नजारा हर किसी को आश्चर्यचकित करता है. वैसे तो धरती से इसकी दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है, जिसके कारण यह हमें इतना बड़ा नजर नहीं आता. फिर भी सुबह और शाम के समय यह बड़ा दिखता है. क्या आपने गौर किया है कि सूरज सुबह और शाम के वक्त बड़ा दिखाई देता है? तो क्या सूरज वाकई उस समय बड़ा हो जाता है? इसका जवाब है- नहीं. आइए जानते है कि आखिर क्या वजह है, जो भास्कर हमें इस तरह से घटता और बढ़ता नजर आता है...
सुबह और शाम का बड़ा सूरज: क्या यह सच है?
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूरज का बड़ा दिखाई देना, यह एक ऐसा नजारा है जिसे हम सभी ने देखा है, लेकिन यह केवल एक भ्रम (ऑप्टिकल इल्यूजन) है. सूरज का आकार दिनभर एक जैसा रहता है. यानी कि सूरज दिन के किसी भी समय स्थिर रहता है. यह भ्रम हमारे दिमाग और वातावरण की विशेषताओं के कारण होता है. इसे "होराइजन इल्यूजन" या "सन्सेट इल्यूजन" कहते हैं.
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वास्तविकता में क्या है सूरज का आकार?
सूरज का असली आकार बेहद विशाल है. इसका वास्तविक आकार धरती के मुकाबले बहुत बड़ा है. इसका व्यास लगभग 13,91,000 किलोमीटर है, जो पृथ्वी से 109 गुना बड़ा है और सूरज का यह आकार कभी नहीं बदलता. सूरज के बड़ा दिखने का कारण वायुमंडल में प्रकाश का परावर्तन और हमारी आंखों और दिमाग के बीच समन्वय की प्रक्रिया है.
सूरज का झुका हुआ आकार
वायुमंडलीय अपवर्तन (Atmospheric Refraction) के कारण सूरज की किरणें अलग-अलग कोणों पर मुड़ती हैं. यह प्रक्रिया सूरज के निचले किनारे को ऊपर की ओर खींचती है, जिससे सूरज हमें थोड़ा चपटा या बड़ा दिखता है. प्रकाश के अपवर्तन के कारण हमें सूरज झुका हुआ नजर आता है.
सुबह-शाम सूरज बड़ा क्यों लगता है?
सुबह और शाम के समय सूरज क्षितिज (होराइजन) के पास होता है. उस समय सूरज की किरणें वायुमंडल की मोटी परत से होकर गुजरती हैं. यह प्रक्रिया प्रकाश को ज्यादा बिखेरती है, जिससे सूरज का रंग लाल और नारंगी दिखता है. साथ ही क्षितिज के पास सूरज की छवि को हमारा दिमाग ज्यादा बड़ा समझता है.
सूरज का सुबह और शाम के वक्त बड़ा दिखना केवल एक दृश्य भ्रम है, जो वायुमंडलीय परिस्थितियों और मस्तिष्क की धारणा के कारण होता है. यह भ्रम तब और भी मजबूत हो जाता है जब आसमान में बादल या अन्य दृश्य प्रभाव मौजूद हों. हालांकि, सूरज का वास्तविक आकार हमेशा एक जैसा ही रहता है.
क्या दिन में सूरज छोटा हो जाता है?
जब सूरज आसमान में ऊंचाई पर होता है, तब उसकी किरणें वायुमंडल की पतली परत से गुजरती हैं. इस दौरान रोशनी का फैलाव कम होता है, जिससे सूरज छोटा और सफेद दिखाई देता है. वहीं, जब सूरज आसमान में ऊंचाई पर होता है तो यह छोटा दिखता है, क्योंकि उस वक्त इसे हमारा दिमाग बहुत दूर मानता है. यह सब हमारे मस्तिष्क और प्रकाश के व्यवहार का प्रभाव है. जबकि, सूरज के असली आकार में कोई बदलाव नहीं होता है.
यह आर्टिकल सूरज के आकार और हमारी नजरों के साइंस को समझने में मदद करती है. ऐसी दिलचस्प जानकारियों से न केवल और जानने की जिज्ञासा बढ़ती है, बल्कि हमें प्रकृति के अद्भुत पहलुओं को जानने का मौका मिलता है.