IAS officer Shishir Gupta UPSC Story: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा देश में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है और आज हम आईएएस अधिकारी शिशिर गुप्ता के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने आईआईटी-बॉम्बे से इंजीनियरिंग की, अबू धाबी में नौकरी मिली लेकिन अपने यूपीएससी के सपने के कारण, उन्होंने नौकरी छोड़ दिया. हालांकि, यूपीएससी परीक्षा पास करने के दो असफल प्रयासों के बाद वे डिप्रेशन में भी चले गए, लेकिन परिवार से मिले साहस ने उन्हें प्रेरित किया, जिसके बाद वे आईएएस अधिकारी बने.


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आईआईटी बोम्बे से हैं ग्रेजुएट
शिशिर गुप्ता राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई जयपुर में की. उनके पिता एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं और उनकी मां हाउस वाइफ हैं. कम उम्र से ही, उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा और 12 वीं कक्षा के बाद जेईई एडवांस की परीक्षा पास की और आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन ले लिया. 2013 में उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया.


बीटेक करने के बाद उन्हें अबू धाबी में एक बड़ी कंपनी में मोटी सैलरी पैकेज पर नौकरी मिल गई. लाखों की सैलरी और तमाम सुविधाओं के बावजूद वह नौकरी छोड़कर अपने देश लौट आए. घर आते ही उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा करने की ठान ली और यूपीएससी की तैयारी में लग गए.


पहले दो अटेंप्ट में नहीं हुए पास
2016 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह बीमार पड़ गए. पहले अटेंप्ट में वे मेन्स क्लियर नहीं कर सके. उन्होंने 2017 में दूसरा अटेंप्ट किया, लेकिन वह 6 नंबर से रह गए. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि दो बार फेल होने के बाद वह डिप्रेशन में आ गए थे. उनके परिवार को डर था कि वह आत्महत्या का प्रयास करेगा. इसलिए उसकी मां उसके साथ सोती थीं.


असफलता और डिप्रेशन से जूझने के बाद, उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और 2019 में ऑल इंडिया रैंक 50 हासिल की. उन्होंने सेल्फ स्टडी पर फोकस किया और कई बार चीजों का रिवीजन किया.


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