UPSC Success Story: स्कूल कॉलेज में हुए फेल, फिर 2 बार क्लियर किया UPSC और बन गए IAS
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UPSC Success Story: स्कूल कॉलेज में हुए फेल, फिर 2 बार क्लियर किया UPSC और बन गए IAS

Success Story of IAS Kumar Anurag: बिहार के कटिहार जिले के मूल निवासी अनुराग ने आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई हिंदी में पूरी की. फिर उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए माध्यम बदल लिया.

UPSC Success Story: स्कूल कॉलेज में हुए फेल, फिर 2 बार क्लियर किया UPSC और बन गए IAS

IAS Kumar Anurag UPSC Exam Strategy: यूपीएससी एग्जाम पास करने का मंत्र सीधा नहीं है क्योंकि इसके लिए फोकस की जरूरत होती है. यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए लाखों कैंडिडेट्स तैयारी कर रहे हैं. इस दौरान कई ऐसे कैंडिडेट्स होते हैं जो स्कूल या कॉलेज में फेल हुए होते हैं. अगर आप यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए मोटिवेशन की तलाश में हैं तो आईएएस कुमार अनुराग की कहानी पढ़ सकते हैं. अनुराग की सफलता की कहानी असाधारण है क्योंकि उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी असफलताओं को अपनी महत्वाकांक्षा को परिभाषित करने या बदलने से इनकार कर दिया.

बिहार के कटिहार जिले के मूल निवासी अनुराग ने आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई हिंदी में पूरी की. फिर उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए माध्यम बदल लिया. पढ़ाई में ठीक-ठाक रहे अनुराग को मीडियम चेंज करना जमा नहीं और प्रीबोर्ड एग्जाम में फेल हो गए. इसके बाद बोर्ड एग्जाम में भी कम नंबर आए. आखिरकार 12वीं पास कर ली. बाद में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए दिल्ली का रुख किया.

आईएएस कुमार अनुराग ने स्कूल खत्म करने के बाद अर्थशास्त्र की पढ़ाई के लिए दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एडमिशन लिया. घर से दूर दिल्ली में अनुराग का मन बिल्कुल नहीं लग रहा था. नतीजन वह ग्रेजुएशन में कई विषयों में फेल हो गए. उन्होंने 2014 में एसआरसीसी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और 2016 में दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पोस्टग्रेजुशन की पढ़ाई पूरी की.

अनुराग बताते हैं कि सिविल सर्विसेज टेस्ट में उनकी सफलता उनकी तैयारी और रणनीति का नतीजा थी. उन्होंने कहा, "उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए नए सिरे से शुरुआत करें और अपनी पिछले एजुकेशन बैकग्राउंड को नजरअंदाज कर दें. यहां तक कि अगर आपको इस परीक्षा से जुड़े किसी भी सब्जेक्ट के बारे में पहले से नॉलेज नहीं है फिर भी आप इस परीक्षा को पास कर सकते हैं.  हालांकि, इस परीक्षा में किसी को भी जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए. बल्कि इसमें प्रत्येक विषय पर अच्छी तरह से रिसर्च करने की जरूरत है."

अनुराग ने साल 2017 में पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी क्लियर कर लिया. हालांकि उनकी रैंक 677 आई. जिससे कि वह संतुष्ट नहीं थे. अनुराग कुमार ने साल 2018 में एक बार फिर से यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम दिया. दूसरा अटेम्प्ट भी उन्होंने न सिर्फ क्लियर किया बल्कि अपनी रैंक में जबर्दस्त सुधार भी किया. यूपीएससी 2018 में वह ऑल इंडिया 48वीं रैंक हासिल करके आईएएस बने. इस तरह अनुराग ने आईएएस बनने का अपना सपना पूरा किया.

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