`बेटी पर क्यों बर्बाद कर रहे हो पैसे` इकलौती बेटी को भी सुनने पड़े लोगों के ताने, DSP बनकर दिया करारा जवाब
Success Story: डीएससी ऋषिका सिंह की कहानी ऐसे लोगों के लिए मिसाल है, जो लोगों के तानों से तंग आकर निराश और हताश होकर अपने रास्ते बदल देते हैं. यह कहानी लगातार असफलताओं से घिरे लोगों को आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती है.
DSP Rishika Singh Success Story: आज हम आपको एक ऐसी महिला अधिकारी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने समाज के तानों को अपनी कामयाबी के दम पर बंद किया, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी कुछ सहना पड़ा. उत्तर प्रदेश की राजधानी के लखनऊ की रहने वालीं ऋषिका सिंह अपने मां-बाप की इकलौती संतान हैं.
जब ऋषिका सिंह ने दिल्ली से यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया तो रिश्तेदारों, परिचितों ने उनके पेरेंट्स को खूब नसीहतें ही थी. हर कोई अलग बात कहता किसी ने कहा कि इकलौती संतान है, जल्दी से ब्याह शादी कर दो, तो किसी ने कहा कि बेटी की पढ़ाई पर पैसे क्यों बर्बाद करना, लेकिन ऋषिका के माता-पिता पर इन बातों का कोई असर नहीं हुआ.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया कॉलेज
ऋषिका का बचपन लखनऊ शहर में ही बीता, उनकी पूरी पढ़ाई भी यहीं से हुई. इकलौती संतान होने के कारण वह हमेशा अपने पेरेंट्स के साथ ही रहीं. उन्होंने कॉमर्स से 12वीं की परीक्षा पास की, उनकी मां का मन था कि वह आगे की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से करें, जिसके बाद उन्होंने डीयू का एंट्रेंस टेस्ट दिया और उनका दाखिला दौलतराम कॉलेज में हो गया. यहां से उन्होंने बीकॉम ऑनर्स किया.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए करने का मन बना चुकी ऋषिका ने एक साल तक कॉमन एडमिशन टेस्ट की तैयारी भी की, लेकिन तभी उनका मन बदल गया. सोसाइटी के लिए कुछ करने की ख्वाहिश रखने वाली ऋषिका ने टीचर बनने के बारे में भी सोचा. बीकॉम होने के दो साल बाद तक वह असमंजस में रहीं और आखिरकार उन्होंने सिविल सर्विसेज के लिए यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया, जिसके बारे में उन्हें अपने दोस्तों और परिवार से पता चला था.
कई अटैम्प्ट में मिली असफलता
ऋषिका ने साल 2019 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई. इसके बाद साल 2020 में उन्होंने मेन्स भी निकाल लिया, लेकिन इंटरव्यू में चूक गईं. इसके बाद साल 2021 में ऋषिका ने एक बार फिर कोशिश की, लेकिन फिर इंटरव्यू नहीं निकाल सकीं. हालांकि, यूपीएससी के साथ-साथ यूपी पीसीएस की परीक्षाएं भी देती रहीं, लेकिन यहां भी असफलता ही मिली.
लगातार असफलता मिलने का दौर था बहुत कठिन
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में ऋषिका में बताया कि वह साल 2021 में लखनऊ लौट आईं. इस दौरान उनके पेरेंट्स से लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि जल्दी से इसका शादी कर दो, बेवजह दिल्ली से लेकर लखनऊ तक घूम रही है. लोगों के ताने सुनकर वह प्रेशर में आ गई थीं, लेकिन खुद को मजबूत कर उन्होंने अपनी तैयारी पर जोर देना शुरू कर दिया. आखिरकार 2022 में यूपी पीएससी में सफलता पाईं और 80वीं रैंक हासिल की. आखिरकार कई प्रयासों के बाद वह यूपीपीएससी पीसीएस का एग्जाम क्लियर करके डीएसपी बन गईं. अभी ऋषिका मुरादाबाद स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में ट्रेनिंग ले रही हैं.