IPS Akshat Kaushal: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा (Civil Service Exam) में हर साल लाखों छात्र आवेदन करते हैं. अपने सपने को पूरा करने के लिए कई उम्‍मीदवार दिल्‍ली चले आते हैं और पढ़ाई में मशगूल हो जाते हैं, लेकिन इतनी लगन से पढ़ाई करने के बाद भी ज्‍यादातर बच्‍चों को सफलता हासिल नहीं हो पाती है. उसके बाद कई लोग टूट जाते हैं और इस कठिन परीक्षा की तैयारी छोड़ देते हैं, ऐसा ही कुछ हुआ था अक्षत के साथ जिन्‍होंने चार बार UPSC की परीक्षा दी लेकिन उन्‍हें सफलता नहीं मिली, फिर एक दिन दोस्‍तों से मिलने गए. वहां से ऐसा मोटिवेट हुए कि जो काम 4 साल में नहीं हुआ. वह महज 17 दिनों में कर दिया.   


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2012 में शुरू की थी परीक्षा की तैयारी


अक्षत कौशल (Akshat Kaushal) ने साल 2012 में यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी शुरू कर दी थी और साल 2013 में सिविल सेवा की पहली परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली. अक्षत का असफलता का ये सिलसिला चार साल तक चला, लेकिन उन्‍होंने हार नही मानी. उन्‍होंने और ज्यादा मेहनत की और 5वें प्रयास में सफलता मिली, लेकिन इस सफलता में उनके दोस्‍तों का भी हाथ था. 


दोस्‍तों से मोटिवेट होकर 17 दिनों में बने IPS 
  
अक्षत कौशल लगातार UPSC की  परीक्षा में असफल हुए. वे चौथे अटेंप्ट में असफल होने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी नहीं करना चाहते थे, लेकिन परीक्षा के कुछ दिन पहले ही वे अपने दोस्तों से मिलने गए. जहां उनके दोस्‍तों ने उन्‍हें समझाया और मोटिवेट किया, उसके बाद तो वे परीक्षा की तैयार में लग गए और सिर्फ 17 दिन की पढ़ाई में उन्‍होंने साल 2017 में यूपीएससी में 55वीं रैंक हासिल की. ये उनका 5वां अटेम्‍प्‍ट था. 


अक्षत ने दी कौशल बढ़ाने की नेक सलाह  


  • आईपीएस अक्षत कौशल उम्मीदवारों को उनकी गलतियों से सबक सीखने के बारे में बताते हैं. अगर आप भी UPSC या कोई स्टेट सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर हैं तो आपको उनकी बताई गई बातों पर ध्‍यान देना चाहिए. 

  • एग्‍जाम देने से पहले आपको उसका नेचर यानी सिलेबस को अच्‍छे तरीके से समझ लेना चाहिए. 

  • किसी न किसी सब्‍जेक्‍ट पर आपकी मास्‍टरी होगी, इसका ये मतलब नहीं हैं कि आप उस सब्‍जेक्‍ट को लेकर ओवर कॉन्फिडेंट हो जाएं.   

  • परीक्षा की तैयारी के दौरान दोस्‍तों से और सीनियर्स से सलाह लें. 

  • अपनी स्ट्रेंथ को कमजोरी न बना लें. हम कई बार किसी सब्‍जेक्‍ट को लेकर इतना श्‍योर हो जाते हैं कि उस विषय पर ध्‍यान देना ही बंद कर देते हैं, जोकि गलत है.

  • कई बार हम अपनी तरफ से पूरी तैयारी करते हैं उसके बावजूद भी कुछ चीजें हमारे पक्ष में नहीं होती हैं, ऐसे में हमें कुछ चीजें किस्मत पर छोड़ देना चाहिए, कुछ समय बाद मेहनत के साथ फिर से तैयारी में जुट जाना चाहिए.


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