UGC Guidelines: यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज को बताया नौकरी जरूरी या फिर ग्रेजुएशन की डिग्री!
UG Research and Internship: यूजीसी ने इस गाइडलाइन के साथ ही सभी यूनिवर्सिटीज से अपने यहां इसके लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को कहा है.
University Grant commission: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने यूनिवर्सिटीज से अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप का मौका देने के लिए कहा है. हालांकि इसे अभी कुछ ही फील्ड में लागू किया गया है. इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स को क्रेडिट पॉइंट मिलेंगे. यह कदम 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के मुताबिक है, जो अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में रिसर्च और इंटर्नशिप को इंटीग्रेट करने पर जोर देता है, जिससे स्टूडेंट्स को प्रक्टिकल एक्सपरिमेंटल लर्निंग के मौके मिलते हैं.
यूजीसी ने अंडर ग्रेजुएट लेवल पर स्टूडेंट्स को रिसर्च और इंटर्नशिप से जोड़ने के लिए जिन 16 फील्ड्स को चुना है, उनमें एआई, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, आइटी आदि के साथ व्यापार व कृषि क्षेत्र, इकोनामी-बैंकिग क्षेत्र, लाजिस्टिक, हैंडक्राफ्ट, आर्ट, डिजाइन और संगीत का क्षेत्र, हेल्थ केयर और लाइफ साइंस, पर्यटन और उससे जुड़ी सुविधाओं वाला क्षेत्र, मानवाधिकार, संचार , शिक्षा, पर्यावरण, कामर्स, मध्यम व छोटे उद्योग, रिटेल, खेल और फिजिकल एजुकेशन आदि शामिल है.
आपको बता दें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंडर स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन लेवल पर रिसर्च को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए चार साल के ग्रेजुएट प्रोग्राम प्रोग्राम में इसे जोड़ा गया है. जबकि अभी तक किसी भी स्टूडेंट को रिसर्च से जुड़ने के लिए उसका पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी होता था. ग्रेजुएशन में इंटर्नशिप से स्टूडेंट्स को नौकरी मिलने में आसान होगी. स्टूडेंट्स अपने इंटरेस्ट के हिसाब से नौकरी के लिए आवेदन कर पाएंगे.
यूजीसी ने इस गाइडलाइन के साथ ही सभी यूनिवर्सिटीज से अपने यहां इसके लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को कहा है. इसमें एक नोडल ऑफिसर की तैनाती है, जिसका रिसर्च और इंटर्नशिप जैसे कामों में इंटरेस्ट हो. इसके अलावा इंस्टीट्यूशन्स से लोकल लेवल पर चिन्हित किए गए फील्ड्स के संबंध में एक सर्वे कराने को भी कहा है, ताकि वह उनकी जरूरतों को पहचान सकें और उसे मजबूती भी दे सकें.
रिसर्च इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स का इवेल्यूएश उनके रिसर्च इंटर्नशिप सुपरवाइज करेंगे. मूल्यांकन स्टूडेंट्स की मेहनत और रिसर्च के नतीजों के आधार पर किया जाएगा. इसके अलावा, स्टूडेंट्स का मूल्यांकन उनके संस्थान (HEI) में सेमिनार प्रजेंटेशन या मौखिक परीक्षाओं के द्वारा भी किया जा सकता है.
गाइडलाइन्स के मुताबिक, ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम में चौथे सेमेस्टर को पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स के लिए 60 से 120 घंटे तक चलने वाली इंटर्नशिप जरूरी हो जाती है. तीन-साल के यूजी डिग्री, चार-साल के यूजी डिग्री (ऑनर्स), और चार-साल के डिग्री (रिसर्च के साथ ऑनर्स) एनईपी-2020, नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएचईक्यूएफ), और करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (सीसीएफयूपी) के लिए रूपरेखा के तहत क्रेडिट में तय प्रावधानों का सख्ती से पालन करेंगे.