University Grants Commission (UGC): विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यूनिवर्सिटीज को 31 दिसंबर, 2023 तक लोकपाल नियुक्त करने और यूजीसी रेगुलेशन के अन्य प्रावधानों को लागू करने के लिए कहा है. यूजीसी 31 दिसंबर के बाद उन डिफॉल्ट विश्वविद्यालयों के नाम जारी करेगा जो लोकपाल नियुक्त करने और लोकपाल के अन्य प्रावधानों का पालन करने में विफल रहते हैं. 


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5 दिसंबर को जारी अपने लेटेस्ट नोटिस के मुताबिक, यूजीसी ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को लोकपाल नियुक्त करके स्टूडेंट शिकायत निवारण समिति (एसजीआरसी) का गठन करके नियमों का पालन करना जरूरी है.


यूजीसी सचिव मनीष आर जोशी ने केंद्रीय, राज्य, निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे अपने पत्र में कहा "हालांकि, यह समझा जाता है कि कुछ यूनिवर्सिटीज को अभी भी नियमों का पालन करना बाकी है. मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है."


यूजीसी के नोटिस में कहा गया है, "चूंकि विश्वविद्यालयों को पर्याप्त अवसर दिए गए हैं, इसलिए 31 दिसंबर, 2023 के बाद यूजीसी की वेबसाइट पर डिफॉल्ट यूनिवर्सिटी के नाम जारी करने का निर्णय लिया गया है."


साथ ही, नोटिस में कहा गया है कि यदि कोई डिफॉल्ट यूनिवर्सिटी डिफॉल्ट विश्वविद्यालयों की लिस्ट में अपना नाम शामिल करने के खिलाफ एक रिप्रजेंटेशन देना चाहता है, तो इसे 31 दिसंबर 2023 से पहले सचिव, यूजीसी, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली - 110002 को भेजा जा सकता है.


इसके अलावा यूजीसी ने सभी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स (एचईआई) को बाल-यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) के प्रॉडक्शन, डिस्ट्रिब्यूशन और उपभोग के खिलाफ बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा तैयार की गई एडवाइजरी को लागू करने के लिए कहा है.


सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को संबोधित एक लेटर में, यूजीसी सचिव मनोज जोशी ने कहा कि अक्टूबर में जारी एनएचआरसी की सलाह की जानकारी का प्रसार किया जाना चाहिए और इसकी सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों से इस मामले पर की गई कार्रवाई के बारे में यूजीसी को नोटिफाई करने का अनुरोध किया.