SDM Disha Srivastava: डीएम, एसडीएम और बड़े सरकारी पदों पर नौकरी करना तो पढ़ाई करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स का सपना होता है लेकिन पूरा कितनों का हो पाता है यह उनकी मेहनत और लग्न पर निर्भर करता है. आज हम आपको एक ऐसी ही स्टूडेंट्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने पढ़ाई के बाद नौकरी की तो सिर्फ सरकारी अफसर की.


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हम बात कर रहे हैं दिशा श्रीवास्तव की. दिशा ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2020 में 21 रैंक प्राप्त कर डिप्टी क्लेक्टर का पद हासिल किया. दिशा ने अपनी स्ट्रेटजी बारे में बताया कि किन संसाधनों की हेल्प से उन्होंने अपनी तैयारी की. इसके साथ उन्होंने बताया कि उन्होंने तैयारी के दौरान कौन- सी बड़ी गलतियां की जिसे अन्य कैंडिडेट्स को दोहराने से बचना चाहिए. 


दिशा श्रीवास्तव गोरखपुर में पली बढ़ीं थीं. उनकी पूरी पढ़ाई गोरखपुर से ही हुई थी. दिशा कार्मल गर्ल्स इण्टर कालेज गोरखपुर की स्टूडेंट रह चुकी हैं. दिशा 12वीं तक अपने जिला की टॉपर रही थीं. इसके बाद स्टेट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. दिशा सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं और 2017 में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली थी. 


यूनिवर्सिटी में भी दिशा गोल्ड मेडलिस्ट रहीं. उनका बचपन से ही मन था कि वह सिविल सर्विसेज में जाएं, लेकिन जो बूस्ट मिला वो ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद मिला, उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का तय कर लिया था इसीलिए कॉलेज में कोई प्लेसमेंट नहीं लिया और डेडिकेशन के साथ तैयारी करने का फैसला लिया. 


दिशा के मुताबिक उन्होंने अपनी तैयारी मेन्स पर फोकस रखी. जब प्रीलिम्स पास आया तो फिर प्रीलिम्स की तैयारी की. दिशा का मानना है कि जितनी बार हो सके रिवीजन करें. मॉक टेस्ट ज्यादा से ज्यादा दें.


गलतियों के बारे में उन्होंने बताया कि उन्होंने टाइम बेस पढ़ाई कि टारगेट बेस नहीं. उनका टारगेट था कि 16-18 घंटे पढूं तो पढ़ाई अच्छी होगी तैयारी अच्छी होगी, लेकिन ये एक बड़ी गलती थी जिसे बाद में महसूस किया. दिशा बताती हैं कि उन्हें अब नहीं लगता कि पढ़ाई टाइम बेस्ड हो सकती है. पढ़ाई टारगेट बेस होनी चाहिए आप अपना टारगेट तय करें कि कब क्या टॉपिक कवर करना है. इसलिए क्वालिटी पर फोकस करना चाहिए. 


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