Success Story: पति की मौत के बाद 2 बच्चों की जिम्मेदारी, ऐसी है यूपी की पहली महिला बस ड्राइवर की कहानी
UP First Bus Drive Success Story: प्रियंका का कहना है कि, मैं बेहतर अवसरों के लिए दिल्ली चली गई. मुझे शुरू में एक कारखाने में एक असिस्टेंट के रूप में नौकरी मिली, लेकिन बाद में मैंने एक ड्राइवर बनने के लिए एडमिशन लिया. ड्राइविंग कोर्स के बाद मैं मुंबई चली गई.
UP Women Government Bus Driver: अब यूपी रोडवेज की बस में आप सफर करें तो हो सकता है कि कोई महिला ड्राइवर उस बस को चला रही हों. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) द्वारा हायर की गईं 26 महिला ड्राइवरों में प्रियंका शर्मा संघर्षों को पार करते हुए राज्य की पहली सरकारी बस चालक बन गई हैं. प्रियंका के मुताबिक ज्यादा शराब पीने के कारण उनके पति की जल्दी ही मौत हो गई थी. पति की मौत के बाद उनके पास अपने दो बच्चों को पालने की पूरी जिम्मेदारी थी.
"मेरे पति की मृत्यु के बाद, मेरे बच्चों की परवरिश की पूरी जिम्मेदारी मुझ पर थी. मैं बेहतर अवसरों के लिए दिल्ली चली गई. मुझे शुरू में एक कारखाने में एक असिस्टेंट के रूप में नौकरी मिली, लेकिन बाद में मैंने एक ड्राइवर बनने के लिए एडमिशन लिया. ड्राइविंग कोर्स के बाद मैं मुंबई चली गई. इसके बाद बंगाल और असम जैसे अलग अलग राज्यों की यात्रा भी की."
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महिला ड्राइवरों को अपने पैरों पर खड़े होने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया. प्रियंका ने कहा, "2020 में, योगी-जी और मोदी-जी ने महिला ड्राइवरों के लिए नौकरी की वैकेंसी निकालीं. मैंने एक फॉर्म भी भरा. मैंने मई में ट्रेनिंग पास की और सितंबर में मेरी पोस्टिंग हुई. हालांकि हमारी सैलरी कम है, लेकिन हमें सरकार से अच्छा सपोर्ट मिल रहा है"
इससे पहले प्रियंका ट्रक ड्राइवर थीं. वह अपना ट्रक लेकर देश के अलग अलग राज्यों में जाती थीं. ट्रक ड्राइवर बनने के बाद प्रियंका अपने बच्चों को टाइम नहीं दे पा रही थीं इसलिए बच्चों को हॉस्टल भेज दिया. जब उनका सेलेक्शन यूपी रोडवेज में हो गया तो उनकी ट्रेनिंग यूपी के कौशांबी डिपो में हुई.
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