IPS Manjari Jaruhar Success Story: आज हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जिसे पढ़कर आपको भी कुछ करने की प्रेरणा मिलेगी. ये कहानी है बिहार की पहली महिला आईपीएस की, जिनका दामन कई परेशानियों ने पकड़ा, लेकिन उन्होंने उन सबसे पीछा छुड़ाते हुए इतिहास रच दिया. पढ़िए आईपीएस मंजरी जरुहर सफलता की कहानी, जो देश की हर बेटी के लिए एक इंस्पिरेशन है. 


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बिहार की पहली महिला आईपीएस
आईपीएस ऑफिसर मंजरी का जीवन बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है. उन्हें न केवल बिहार की पहली विमेन आईपीएस होने का गौरव मिला, बल्कि देश की पहली 5 महिला आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट में भी उनका नाम शामिल हैं. इतने बड़े मुकाम पर पहुंचने वाली मंजरी के लिए यहां तक का रास्ता बेहद परेशानियों भरा भरा. पढ़े-लिखे परिवार नाता रखने वाली मंजरी की शादी 19 साल की छोटी उम्र में ही कर दी थी. बताया जाता है कि शादी के कुछ समय बाद ही यह रिश्ता टूट गया था. 


दूसरे प्रयास में पाईं कामयाबी
शादी टूटने के बाद मंजरी ने अपने अधूरे सपनों को पूरा करने का फैसला लिया, वह हमेशा से ही एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थीं.  अपने सपनों को पूरा करने के लिए मंजरी ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया और वहां कोचिंग सेंटर में एडमिशन ले लिया. 1974 में अपने पहले प्रयास में मंजरी को निराशा ही मिली, जिसमें वह इंटरव्यू तक तो पहुंचीं लेकिन क्वॉलिफाई नहीं कर पाईं. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने साल 1975 में दूसरे अटैम्प्ट में यूपीएससी सीएसई क्रैक किया.  


पूरे देश के लिए बनीं प्रेरणा
आईपीएस मंजरी जरुहर ने पटना वीमेंस कॉलेज से पढ़ाई की है. मंजरी ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी और डीयू से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. आईपीएस मंजरी जरुहर ने रिटायरमेंट के बाद 'मैडम सर' नाम से एक किताब लिखी है. वहीं, आईपीएस ऑफिसर मंजरी की सक्सेस स्टोरी पर बॉलीवुड में 'जय गंगा जल'फिल्म बन चुकी है, जिसमें प्रियंका चोपड़ा लीड रोल में नजर आई थीं. कभी उन्हें एक कुशल गृहणी बनने की सलाह दी जाती थी, लेकिन अब पूरे देश खसतौर से बेटियों के लिए की एक बहुत बड़ी इंस्पिरेशन हैं.