UPSC Topper Success Story: हर अमेजिंग पर्सनालिटी करिश्मे और ग्रेस के साथ पैदा नहीं होती, लेकिन वे अपने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से ऐसा करते हैं. बहुत कम लोग होते हैं जो सपने देख सकते हैं और उसे हकीकत में बदल सकते हैं. यदि आप यूपीएससी परीक्षा के उम्मीदवार हैं तो आप अपने दिल की सुनेंगे और कभी हार नहीं मानेंगे. आपको हमेशा यह सोचना चाहिए कि बहुत से लोग इस एग्जाम को क्रैक करना चाहते हैं. सीखने में कड़ी मेहनत और निरंतरता आपको सही दिशा में सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाएगी. आज हम बात कर रहे हैं आईएएस प्रदीप सिंह के बारे में.


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प्रदीप सिंह ने यूपीएससी 2019 एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की थी. यह 2019 आईएएस टॉपर हरियाणा के सोनीपत जिले के गनौर के रहने वाले हैं. उनका जन्म 1991 में हुआ था. जब यूपीएससी का रिजल्ट आया था तो वह रेस्ट कर रहे थे उनके दोस्त ने उन्हें फोन करके इसकी जानकारी दी और बताया कि तुमने यूपीएससी टॉप किया है. आईएएस प्रदीप सिंह ने जब अपने पिता को बताया कि उसकी रैंक वन आई है और उन्होंने टॉप किया है तो पिता सुखबीर सिंह को खुद भी विश्वास नहीं हुआ.


प्रदीप सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा शंभू दयाल मॉडर्न स्कूल से की और 2012 में दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी एंड टेक्नोलॉजी, मुरथल से कंप्यूटर साइंस में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. प्रदीप का मानना है कि शिक्षा और सीखना एक जरूरी और कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है. आपको अपनी सीमा तक अधिकतम बढ़ने का प्रयास करना चाहिए. न केवल उनका प्रोफेशनल जीवन बल्कि उनका व्यक्तिगत विश्वास और सिद्धांत इस परिदृश्य के युवाओं को प्रेरित करता है.


2019 एकमात्र ऐसा समय नहीं था जब आईएएस टॉपर प्रदीप सिंह ने इसे क्रैक किया था. 2018 की यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 260 हासिल की और आईआरएस अधिकारी का पद हासिल किया. उन्होंने नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, एक्साइज एंड नारकोटिक्स फरीदाबाद में अपनी सेवाएं दीं. कुल मिलाकर 2019 के आईएएस टॉपर प्रदीप सिंह चार बार यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुए. उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन था.


प्रदीप सिंह IAS टॉपर 2019 का कहना है कि मुख्य परीक्षा पास करने के लिए कैंडिडेट्स को राइंटिंग स्किल पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. इंटरव्यू राउंड के लिए व्यक्ति को अपने इंटरपर्सनल स्किल पर ध्यान देना चाहिए. प्रदीप ने कहा कि कई बार उनके लिए पढ़ाई करना और साथ-साथ फुल टाइम जॉब करना बहुत मुश्किल हो जाता था. कई बार उन्होंने आईएएस परीक्षा की तैयारी बंद करने के बारे में सोचा लेकिन उनके पिता उन्हें प्रेरित करने के लिए वहां मौजूद थे और लगातार धैर्य न खोने की बात कहते रहे.



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